माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा तथा उनके अधिकारों की सुरक्षा पर कार्यक्रम

मधेपुरा सिविल कोर्ट परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से सोमवार को मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटिजन्स एक्ट, 2007 के तहत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

सम्मान, सुरक्षा और अधिकार के आधार पर यह कार्यक्रम माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा तथा उनके अधिकारों की सुरक्षा पर चर्चा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलराम दुबे ने की। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिक हमारे अनुभव, मार्गदर्शन और संस्कृति के आधार स्तंभ हैं। उनकी सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि बुजुर्गों की जरूरतों पर संवेदनशीलता के साथ ध्यान दें और अधिनियम 2007 के प्रावधानों को समझकर उनका पालन करें। 

परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश दिग्विजय कुमार ने कहा कि आज के समय में बुजुर्गों के प्रति उपेक्षा और अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं, जिन्हें रोकने के लिए जागरूकता जरूरी है। उन्होंने बताया कि यह अधिनियम माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों को भरण-पोषण का अधिकार देता है तथा उनके लिए कानूनी सुरक्षा की व्यवस्था भी सुनिश्चित करता है। 

डीएलएसए की सचिव पूजा कुमारी साह ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकार ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से आम लोगों तक कानूनी जानकारी पहुंचाने का कार्य करता है, ताकि कोई भी बुजुर्ग न्याय से वंचित न रहे। 

कार्यक्रम में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजकिशोर यादव, अधिवक्ता संघ के सचिव सदानंद यादव समेत कई न्यायिक पदाधिकारी और अधिवक्ता मौजूद रहे। वक्ताओं ने कहा कि सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए परिवार के बुजुर्गों की देखभाल अत्यंत आवश्यक है। हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने माता-पिता और वरिष्ठों के सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों को प्राथमिकता दे।

(रिपोर्ट: मनीष कुमार)

माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा तथा उनके अधिकारों की सुरक्षा पर कार्यक्रम माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा तथा उनके अधिकारों की सुरक्षा पर कार्यक्रम Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 17, 2025 Rating: 5

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