भारत विभिन्नताओं में एकता का देश है और यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है. अलग-अलग धर्म व सम्प्रदाय के लोग अपने-अपने रिवाजों के साथ बंधे हैं और मधेपुरा निवासी भारत के प्रसिद्ध गीतकार राजशेखर के शब्दों में मधेपुरा अपने आप में एक छोटा सा इंडिया है जहाँ कई ऐसे भी पर्व मनाए जाते हैं जो किसी ख़ास समुदाय के लिए अधिक ख़ास होता है.
जिले भर में दलित जहाँ दीनाभद्री मेला का आयोजन अलग से करते हैं वहीं चौसा प्रखंड के फुलौत में मछुवारों का ऐतिहासिक श्री श्री 108 बाबा जयसिंह मेला खासियत भरी है. इस मेले का शुभारम्भ अगहन पूर्णिमा को होकर यह 4 दिनों तक चलता है. मेला मछुवारा संघ के द्वारा मनाया जाता है.
श्री श्री 108 बाबा जयसिंह मेले के शुभ अवसर 24 घंटे रामधुनी के साथ-साथ चारों दिन रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस बार भी लगे मेले में तरह-तरह के झूले एवं जादूगर के द्वारा खेल-तमासा दिखाए जा रहे हैं.
संघ के समिति के सदस्य फुलौत पश्चिम के सरपंच नकुल चौधरी, विनोद चौधरी, पप्पू चौधरी, लड्डू चौधरी, जयप्रकाश चौधरी, पारो चौधरी, गायत्री चौधरी, लोधाय चौधरी आदि मेले की आकर्षक व्यवस्था में दिन-रात लगे हुए हैं.
जिले भर में दलित जहाँ दीनाभद्री मेला का आयोजन अलग से करते हैं वहीं चौसा प्रखंड के फुलौत में मछुवारों का ऐतिहासिक श्री श्री 108 बाबा जयसिंह मेला खासियत भरी है. इस मेले का शुभारम्भ अगहन पूर्णिमा को होकर यह 4 दिनों तक चलता है. मेला मछुवारा संघ के द्वारा मनाया जाता है.
श्री श्री 108 बाबा जयसिंह मेले के शुभ अवसर 24 घंटे रामधुनी के साथ-साथ चारों दिन रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस बार भी लगे मेले में तरह-तरह के झूले एवं जादूगर के द्वारा खेल-तमासा दिखाए जा रहे हैं.
संघ के समिति के सदस्य फुलौत पश्चिम के सरपंच नकुल चौधरी, विनोद चौधरी, पप्पू चौधरी, लड्डू चौधरी, जयप्रकाश चौधरी, पारो चौधरी, गायत्री चौधरी, लोधाय चौधरी आदि मेले की आकर्षक व्यवस्था में दिन-रात लगे हुए हैं.
मछुवारों का ऐतिहासिक मेला: बाबा जयसिंह मेला लगा चौसा में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 27, 2015
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