गांवों का पिछड़ापन किसी से छुपा नहीं है. अंधविश्वास समाज के एक वर्ग में उसी तरह जिन्दा है जैसे ये पहले हुआ करता था. आज की एक हत्या तो ये दर्शा रही है कि यदि आप चाहें तो भी अंधविश्वास को भगा नहीं सकते हैं.
मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड के एक गाँव में जब झाड़-फूंक करने वाले व्यक्ति ने झाड़-फूंक से मना किया तो उसकी हत्या कर दी गई. घटना आलमनगर थानाक्षेत्र के शिव मंगलसिंह बासा की है. घटना के बारे में मृतक रामू सादा (उम्र करीब 50 साल) की पत्नी फुहिया देवी ने बताया कि उनके पति मंतरिया का काम करते और लोगों का झाड़-फूंक किया करते थे. पड़ोस के दिनेश सादा की पत्नी रीना सादा ने अपने बीमार पति के लिए रामू से झाड़-फूंक करने को कहा जिसपर रामू सादा ने मना कर दिया. फुहिया बताती है कि वे लोग उसके पति पर आरोप लगाया करते थे इसलिए मना किया गया. इसी बात पर आज रीना देवी से बाताबाती हो गई और बात बढ़ गई. उसके बाद दिनेश सादा, उसकी पत्नी, गाँव के ही उमेश सादा, चमकलाल सादा आदि ने आज रामू सादा की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी.
हत्या की सूचना पर आलमनगर थानाध्यक्ष राजेश रंजन घटनास्थल पर पहुंचकर लाश को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मामले में सात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है जिसमे से उमेश सादा को गिरफ्तार कर लिया गया है.
झाड़-फूंक मधेपुरा जिला के गांवों में निर्बाध जारी है और सरकार और प्रशासन तो अन्य कार्यों में अपनी व्यस्तता दिखाकर अंधविश्वास दूर करने की अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ लेती है और स्थानीय जनप्रतिनिधि से यदि आप ऐसी समस्याओं में आशा रखते हैं तो ये आपकी सबसे बड़ी बेवकूफी होगी, क्योंकि लोगों को अशिक्षित बनाकर रखा जाएगा तब ही तो उल्टा-सीधा पढ़ाकर नेताजी वोट हासिल कर सकेंगे. जय लोकतंत्र!
मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड के एक गाँव में जब झाड़-फूंक करने वाले व्यक्ति ने झाड़-फूंक से मना किया तो उसकी हत्या कर दी गई. घटना आलमनगर थानाक्षेत्र के शिव मंगलसिंह बासा की है. घटना के बारे में मृतक रामू सादा (उम्र करीब 50 साल) की पत्नी फुहिया देवी ने बताया कि उनके पति मंतरिया का काम करते और लोगों का झाड़-फूंक किया करते थे. पड़ोस के दिनेश सादा की पत्नी रीना सादा ने अपने बीमार पति के लिए रामू से झाड़-फूंक करने को कहा जिसपर रामू सादा ने मना कर दिया. फुहिया बताती है कि वे लोग उसके पति पर आरोप लगाया करते थे इसलिए मना किया गया. इसी बात पर आज रीना देवी से बाताबाती हो गई और बात बढ़ गई. उसके बाद दिनेश सादा, उसकी पत्नी, गाँव के ही उमेश सादा, चमकलाल सादा आदि ने आज रामू सादा की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी.
हत्या की सूचना पर आलमनगर थानाध्यक्ष राजेश रंजन घटनास्थल पर पहुंचकर लाश को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मामले में सात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है जिसमे से उमेश सादा को गिरफ्तार कर लिया गया है.
झाड़-फूंक मधेपुरा जिला के गांवों में निर्बाध जारी है और सरकार और प्रशासन तो अन्य कार्यों में अपनी व्यस्तता दिखाकर अंधविश्वास दूर करने की अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ लेती है और स्थानीय जनप्रतिनिधि से यदि आप ऐसी समस्याओं में आशा रखते हैं तो ये आपकी सबसे बड़ी बेवकूफी होगी, क्योंकि लोगों को अशिक्षित बनाकर रखा जाएगा तब ही तो उल्टा-सीधा पढ़ाकर नेताजी वोट हासिल कर सकेंगे. जय लोकतंत्र!
मधेपुरा में झाड़-फूंक करने वाले की हत्या: झाड़-फूंक से किया था मना
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 20, 2015
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