दस अनुसंधानकर्ताओं और पांच थानाध्यक्षों के विरूद्ध एसपी ने शुरू विभागीय कार्रवाई

ये बात तय है कि जिले में अनुसंधानकर्ताओं की कार्यशैली शिथिल और लापरवाह है. अनुसंधानकर्ताओं की लापरवाही की वजह से ही हाल के दिनों में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मधेपुरा के कई वादों में विपरीत प्रतिक्रिया दी गई है. और अब लापरवाह अनुसंधानकर्ताओं के खिलाफ मधेपुरा एसपी ने भी कड़े कदम उठाते हुए राईस मिलरों के विरूद्ध काण्ड के अनुसंधान में लापरवाही बरतने वाले अनुसंधानकर्ताओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने की प्रक्रिया आरम्भ की है.
    एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मधेपुरा के एसपी कुमार आशीष ने जानकारी दी कि मधेपुरा जिले में प्रमादी मिलरों के विरूद्ध अबतक कुल 15 मुक़दमे दर्ज हुए थे जिसमें सिर्फ 3 कांडों का ही निष्पादन हुआ है, बाक़ी 12 में अनुसंधानकर्ताओं की शिथिलता तथा लापरवाही बरतने के कारण इन अनुसंधानकर्ताओं के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जा रही है और इनसे स्प्सह्तिकरण की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि इन कांडों में बिहार राज्य खाद्य निगम से एकरारनामा के तहत राईस मिल के लिए धान प्राप्त करने, निर्धारित दर से चावल नहीं लौटाने तथा सीएमआर मूल्य का गबन करने तथा सरकारी राशि के दुरूपयोग के मामले थे.
    अनुसंधानकर्ता जिनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जा रही हैं, उनके नाम हैं, अ.नि. राजेश चौधरी, स.अ.नि.. ह्रदय लाल राम, अ.नि. लक्ष्मी प्रसाद, अ.नि. पशुपति सिंह, अ.नि. परशुराम दास, अ.नि. अमित कुमार, अ.नि. सुमन कुमार सिंह, अ.नि. राजेश कुमार, अ.नि. महेश कुमार रजक, स.अ.नि. अशोक कुमार साह.
    इसके अलावे मधेपुरा एसपी ने इसी से सम्बंधित कई थानाध्यक्षों से भी विभागीय कार्रवाई के विरूद्ध स्पस्तीकरण की मांग की है. इनमें मधेपुरा थानाध्यक्ष मनीष कुमार, उदाकिशुनगंज थानाध्यक्ष के. बी. सिंह, शंकरपुर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार यादव, ग्वालपाड़ा थानाध्यक्ष सुनील कुमार भगत तथा रविन्द्र सिंह शामिल हैं.
दस अनुसंधानकर्ताओं और पांच थानाध्यक्षों के विरूद्ध एसपी ने शुरू विभागीय कार्रवाई दस अनुसंधानकर्ताओं और पांच थानाध्यक्षों के विरूद्ध एसपी ने शुरू विभागीय कार्रवाई Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 12, 2015 Rating: 5

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