बिहार विधानसभा के लिए चुनाव का बिगुल बजते ही मधेपुरा जिला प्रशासन स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव करने को लेकर सक्रिय हो गई है. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आज हुई बैठक में निर्वाचन कोषांगों की समीक्षा की गई.
सभी कोषांग के वरीय एवं नोडल पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बिना लिखित अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ें. जिलाधिकारी मो० सोहैल ने डीआईओ को निर्देश दिया कि जिन विभागों से डाटा एंट्री रिपोर्ट अबतक प्राप्त नहीं हुआ है उनपर कड़ी कार्यवाही की जाय. निर्देश यह भी दिया गया कि 48 घंटे से अधिक किसी वीआईपी को सरकारी भवन नहीं मिलेगा. साथ ही मतदान के लिए कर्मियों के प्रशिक्षण की तिथि भी जल्द घोषित किये जायेंगे.
इससे पूर्व जिले में विधानसभा चुनाव को लेकर डीएम द्वारा जिला दंडाधिकारी के रूप में विधि-व्यवस्था की गहन समीक्षा की गई और धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दिया गया जो चुनाव परिणाम के निर्गत होने तक रहेगा. इसके तहत अब सभी प्रकार के लायसेंसधारी आग्नेयास्त्रों को लाने और ले जाने पर पूर्णत: प्रतिबन्ध रहेगा और लोक शान्ति को अक्षुण रखने तथा किसी प्राकर के दंगा-फसाद को रोकने के लिए निषेधाज्ञा को सख्ती से लागू कराया जाएगा. इस दौरान पोस्टर लगाने से लेकर पारंपरिक हथियारों के साथ भी किसी प्रदर्शन पर रोक रहेगी. जिला प्रशासन इस बात पर पूरी नजर बनाये हुए है कि जिले भर में कहीं भी आदर्श अचार संहिता का उल्लंघन न हो.
सभी कोषांग के वरीय एवं नोडल पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बिना लिखित अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ें. जिलाधिकारी मो० सोहैल ने डीआईओ को निर्देश दिया कि जिन विभागों से डाटा एंट्री रिपोर्ट अबतक प्राप्त नहीं हुआ है उनपर कड़ी कार्यवाही की जाय. निर्देश यह भी दिया गया कि 48 घंटे से अधिक किसी वीआईपी को सरकारी भवन नहीं मिलेगा. साथ ही मतदान के लिए कर्मियों के प्रशिक्षण की तिथि भी जल्द घोषित किये जायेंगे.
इससे पूर्व जिले में विधानसभा चुनाव को लेकर डीएम द्वारा जिला दंडाधिकारी के रूप में विधि-व्यवस्था की गहन समीक्षा की गई और धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दिया गया जो चुनाव परिणाम के निर्गत होने तक रहेगा. इसके तहत अब सभी प्रकार के लायसेंसधारी आग्नेयास्त्रों को लाने और ले जाने पर पूर्णत: प्रतिबन्ध रहेगा और लोक शान्ति को अक्षुण रखने तथा किसी प्राकर के दंगा-फसाद को रोकने के लिए निषेधाज्ञा को सख्ती से लागू कराया जाएगा. इस दौरान पोस्टर लगाने से लेकर पारंपरिक हथियारों के साथ भी किसी प्रदर्शन पर रोक रहेगी. जिला प्रशासन इस बात पर पूरी नजर बनाये हुए है कि जिले भर में कहीं भी आदर्श अचार संहिता का उल्लंघन न हो.
48 घंटे से अधिक किसी वीआईपी को नहीं मिलेगा सरकारी भवन: जिले में निषेधाज्ञा लागू
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 11, 2015
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