आपूर्ति निरीक्षक की जालसाजी: एक महीना पहले हुआ था ट्रांसफर, रजिस्टर में छेड़छाड़ कर आचार संहिता लागू होने के बाद दिया प्रभार
किसी ख़ास जगह और पद से अधिकारियों का अधिक मोह होने के कई अर्थ लगाये जा सकते हैं. और इसी मोह में मधेपुरा में एक अधिकारी अब फंसते नजर आ रहे हैं. एक महीना पहले ही स्थानातंरित हो चुके जिले के आलमनगर प्रखंड में आपूर्ति निरीक्षक द्वारा जालसाजी कर आदर्श आचार संहिता लगने के बाद चार्ज देने से आचार संहिता उल्लंघन का मामला बनता दीख पड़ता है.
इस बाबत प्रखण्ड आपुर्ति कार्यपालक सहायक मो0 वसीम राजा ने बताया कि आपूर्ति निरीक्षक अजीत कुमार का विभाग द्वारा स्थनांतरण पिछले 11 अगस्त को ही किया गया तथा उन्हें अविलम्ब एक सप्ताह के भीतर स्थानांतरित जगह सीतामढ़ी के वेलसंड में प्रभार लेना था. परन्तु ये नियम को ताक पर रखकर यहाँ बने हुए थे और किसी को प्रभार नहीं दे रहे थे. परन्तु बात नहीं बनते एवं उपरी दबाब पर आपूर्ति निरीक्षक अजीत कुमार द्वारा आचार संहिता लगाने के बाद 11 सितंबर को प्रभार आपूर्ति निरीक्षक झुनू मल्लिक को दे दिया. पर बताते हैं कि प्रभार देने के क्रम में आपूर्ति निरीक्षक द्वारा जालसाजी किया गया क्योंकि आपूर्ति निरीक्षक की गैरहाजिरी में एसडीओ उदाकिशुनगंज के आदेश पर बीडीओ मिन्हाज अहमद ने 10 सितम्बर को ज्ञापांक 117 के तहत डीलर को किरासन तेल एवं खाद्यान के आबंटन का आदेश निर्गत किया गया था. परन्तु आपूर्ति निरीक्षक द्वारा आचार संहिता से बचने के लिए बीडीओ के द्वारा दिए ज्ञापांक में छेड़छाड़ कर 448 बना दिया एवं बीच में ज्ञापांक 117 दिनांक 9 सितम्बर गलत ढ़ंग से बनाकर प्रभार दिया गया. इस क्रम में कार्यपालक सहायक मो0 वसीम राजा द्वारा निर्गत पत्रों की पंजी पर घेड़छाड़ कर लिखने की बात मना करने पर जबरन पंजी छीनकर ऑवरराइटिंग कर गलत ढंग से प्रभार देकर एवं लेकर दोनो आपूर्ति निरीक्षक चले गये.
इस बाबत आलमनगर के बीडीओ मिन्हाज अहमद ने बताया ग्यारह सितम्बर को प्रभार लिया गया परन्तु गलत ढंग से 9 सितम्बर का दिनांक एवं गलत ज्ञापांक देकर चुपचाप प्रभार दिया गया है. ज्ञात हो कि आचार संहिता लगने के उपरान्त चुनाव आयोग के अनुसार ही प्रभार लेन-देन या स्थानांतरण किये जाने की बात बताई गई है.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
इस बाबत प्रखण्ड आपुर्ति कार्यपालक सहायक मो0 वसीम राजा ने बताया कि आपूर्ति निरीक्षक अजीत कुमार का विभाग द्वारा स्थनांतरण पिछले 11 अगस्त को ही किया गया तथा उन्हें अविलम्ब एक सप्ताह के भीतर स्थानांतरित जगह सीतामढ़ी के वेलसंड में प्रभार लेना था. परन्तु ये नियम को ताक पर रखकर यहाँ बने हुए थे और किसी को प्रभार नहीं दे रहे थे. परन्तु बात नहीं बनते एवं उपरी दबाब पर आपूर्ति निरीक्षक अजीत कुमार द्वारा आचार संहिता लगाने के बाद 11 सितंबर को प्रभार आपूर्ति निरीक्षक झुनू मल्लिक को दे दिया. पर बताते हैं कि प्रभार देने के क्रम में आपूर्ति निरीक्षक द्वारा जालसाजी किया गया क्योंकि आपूर्ति निरीक्षक की गैरहाजिरी में एसडीओ उदाकिशुनगंज के आदेश पर बीडीओ मिन्हाज अहमद ने 10 सितम्बर को ज्ञापांक 117 के तहत डीलर को किरासन तेल एवं खाद्यान के आबंटन का आदेश निर्गत किया गया था. परन्तु आपूर्ति निरीक्षक द्वारा आचार संहिता से बचने के लिए बीडीओ के द्वारा दिए ज्ञापांक में छेड़छाड़ कर 448 बना दिया एवं बीच में ज्ञापांक 117 दिनांक 9 सितम्बर गलत ढ़ंग से बनाकर प्रभार दिया गया. इस क्रम में कार्यपालक सहायक मो0 वसीम राजा द्वारा निर्गत पत्रों की पंजी पर घेड़छाड़ कर लिखने की बात मना करने पर जबरन पंजी छीनकर ऑवरराइटिंग कर गलत ढंग से प्रभार देकर एवं लेकर दोनो आपूर्ति निरीक्षक चले गये.
इस बाबत आलमनगर के बीडीओ मिन्हाज अहमद ने बताया ग्यारह सितम्बर को प्रभार लिया गया परन्तु गलत ढंग से 9 सितम्बर का दिनांक एवं गलत ज्ञापांक देकर चुपचाप प्रभार दिया गया है. ज्ञात हो कि आचार संहिता लगने के उपरान्त चुनाव आयोग के अनुसार ही प्रभार लेन-देन या स्थानांतरण किये जाने की बात बताई गई है.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
आपूर्ति निरीक्षक की जालसाजी: एक महीना पहले हुआ था ट्रांसफर, रजिस्टर में छेड़छाड़ कर आचार संहिता लागू होने के बाद दिया प्रभार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 12, 2015
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