मधेपुरा जिला मुख्यालय के डीआरडीए स्थित झल्लू बाबू सभागार में आज 'बदलते परिवेश में पुलिस की भूमिका' पर आयोजित कार्यशाला में कई ऐसी बातें सामने आई जिसको ध्यान में रखते हुए यदि दी गई सलाह अमल में लाया जाय तो निश्चय ही पुलिस की भूमिका बेहतर साबित हो सकती है.
मधेपुरा के एसपी कुमार आशीष के द्वारा बेहतर पुलिसिंग के लिए आयोजित करवाए गए इस कार्यशाळा में मुख्य वक्ता के रूप में दरभंगा से आई ह्यूमन रिसोर्स में पी.एच-डी. डॉ० सीमा कुमार ने पुलिस की भूमिका और पब्लिक के साथ संबंधों में दूरी के कारणों की बारीकियों की चर्चा की और कैसे बेहतर काम किया जाय इसके उपायों पर भी उनके द्वारा बताया गया.
कार्यशाला में एसडीपीओ से लेकर एसएचओ तक के जिले के सभी पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे. डॉ० सीमा कुमार ने कहा कि उन्होंने जब कई लोगों से पुलिस का मतलब पूछा तो जो जवाब आये वो पुलिस के प्रति अच्छे भाव नहीं थे. आखिर क्यों लोगों में पुलिस के प्रति जरा भी अविश्वास है जबकि आप दिन-रात उन्हीं के लिए काम करते हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारी का लोगों के साथ बर्ताव कैसा होना चाहिए और किस तरह से काम करें कि पुलिस का पब्लिक से सम्बन्ध बेहतर बन सकें और उनका सहयोग भरोसे के साथ मिल सकें. बताया गया कि अपराध नियंत्रण में सक्रियता के साथ-साथ पुलिस की साफ़-सुथरी छवि और व्यक्तित्व भी काफी मायने रखता है.
कार्यशाला काफी उपयोगी था और देखना है कि यह आने वाले दिनों में कितना फलदायी होता है और मधेपुरा पुलिस पदाधिकारी आज के इस कार्यक्रम से मिली सीख को अपने अन्दर कितना उतार पाते हैं.
मधेपुरा के एसपी कुमार आशीष के द्वारा बेहतर पुलिसिंग के लिए आयोजित करवाए गए इस कार्यशाळा में मुख्य वक्ता के रूप में दरभंगा से आई ह्यूमन रिसोर्स में पी.एच-डी. डॉ० सीमा कुमार ने पुलिस की भूमिका और पब्लिक के साथ संबंधों में दूरी के कारणों की बारीकियों की चर्चा की और कैसे बेहतर काम किया जाय इसके उपायों पर भी उनके द्वारा बताया गया.
कार्यशाला में एसडीपीओ से लेकर एसएचओ तक के जिले के सभी पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे. डॉ० सीमा कुमार ने कहा कि उन्होंने जब कई लोगों से पुलिस का मतलब पूछा तो जो जवाब आये वो पुलिस के प्रति अच्छे भाव नहीं थे. आखिर क्यों लोगों में पुलिस के प्रति जरा भी अविश्वास है जबकि आप दिन-रात उन्हीं के लिए काम करते हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारी का लोगों के साथ बर्ताव कैसा होना चाहिए और किस तरह से काम करें कि पुलिस का पब्लिक से सम्बन्ध बेहतर बन सकें और उनका सहयोग भरोसे के साथ मिल सकें. बताया गया कि अपराध नियंत्रण में सक्रियता के साथ-साथ पुलिस की साफ़-सुथरी छवि और व्यक्तित्व भी काफी मायने रखता है.
कार्यशाला काफी उपयोगी था और देखना है कि यह आने वाले दिनों में कितना फलदायी होता है और मधेपुरा पुलिस पदाधिकारी आज के इस कार्यक्रम से मिली सीख को अपने अन्दर कितना उतार पाते हैं.
'बदलते परिवेश में पुलिस की भूमिका' पर मधेपुरा में उपयोगी कार्यशाला
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 11, 2015
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