मधेपुरा जिला में शिक्षा आज से नहीं, बल्कि दशकों से कलंकित रही है. गुटखा और दारू की तरह यहाँ छात्रों से लेकर शिक्षकों को कदाचार की लत लगी हुई है और वर्तमान परिस्थिति में लगता है कि सृष्टि के विनाश के साथ ही मधेपुरा स्थायी रूप से कदाचार मुक्त जिला बन पायेगा.
अब देखिये आज का हाल. मिली जानकारी के अनुसार जिले में एससीईआरटी की दूरस्थ शिक्षा माध्यम के द्वारा सेवाकालीन प्रशिक्षु शिक्षक के लिए आयोजित परीक्षा का निरीक्षण करने जब आज मधेपुरा के एसडीओ संजय कुमार निराला और एएसपी राजेश कुमार जिला मुख्यालय में एसएनपीएम हाई स्कूल अचानक पहुंचे तो कुल मिलाकर 14 शिक्षकों को कदाचार में लिप्त पाया. अधिकारियों ने इन सबों को परीक्षा से निष्काषित कर दिया.
बताया गया कि थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा के प्रथम पाली में कुल 274 शिक्षक परीक्षार्थी बने थे, जिनमें ये 14 बड़े बेआबरू होकर कक्ष से निकले. मधेपुरा के जिलाधिकारी मो० सोहैल ने भी आज इन परीक्षाओं की केन्द्रों पर जाकर जांच की.
बात हम सीधी करेंगे कि जहाँ शिक्षकों का ही ये हाल है तो छात्रों ने किया तो कौन सा गुनाह कर दिया???
अब देखिये आज का हाल. मिली जानकारी के अनुसार जिले में एससीईआरटी की दूरस्थ शिक्षा माध्यम के द्वारा सेवाकालीन प्रशिक्षु शिक्षक के लिए आयोजित परीक्षा का निरीक्षण करने जब आज मधेपुरा के एसडीओ संजय कुमार निराला और एएसपी राजेश कुमार जिला मुख्यालय में एसएनपीएम हाई स्कूल अचानक पहुंचे तो कुल मिलाकर 14 शिक्षकों को कदाचार में लिप्त पाया. अधिकारियों ने इन सबों को परीक्षा से निष्काषित कर दिया.
बताया गया कि थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा के प्रथम पाली में कुल 274 शिक्षक परीक्षार्थी बने थे, जिनमें ये 14 बड़े बेआबरू होकर कक्ष से निकले. मधेपुरा के जिलाधिकारी मो० सोहैल ने भी आज इन परीक्षाओं की केन्द्रों पर जाकर जांच की.
बात हम सीधी करेंगे कि जहाँ शिक्षकों का ही ये हाल है तो छात्रों ने किया तो कौन सा गुनाह कर दिया???
शेम-शेम ! एससीईआरटी की परीक्षा में कदाचार में लिप्त 14 शिक्षक ही निष्काषित
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 07, 2015
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