चौसा थानाध्यक्ष को बंधक बनाकर मारपीट के मामले में आरोपियों को मिली अग्रिम जमानत

गत 5 अप्रैल को मधेपुरा जिले के चौसा थानाध्यक्ष समेत पुलिस टीम को पैना गाँव में बंधक बनाकर ग्रामीणों के द्वारा बुरी तरह मारपीट करने के मामले में मधेपुरा पुलिस एक बार फिर कमजोर साबित हो गई है. पटना उच्च न्यायालय ने उक्त मामले (चौसा थाना काण्ड संख्यां 31/2015) में मो० समीर समेत 31 मुख्य आरोपियों को अग्रिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया है.
         जिले में आम लोगों और पुलिस के मनोबल को घटा देने वाली यह घटना उस घटी थी जब चौसा के तत्कालीन थानाध्यक्ष एन. डी. निराला पैना गाँव के निवासी मो० जुबैर के एक शिकायत आवेदन पर जांच करने गए थे. ग्रामीणों के द्वारा थानाध्यक्ष पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने विवादित जमीन के मसले को सुलझाने की बजाय मो० जुबैर के तरफ से खुल कर काम किया था.  आरोप था कि थानाध्यक्ष की उपस्थिति में जुबैर आलम ने मो० समीर के घर में आग लगा दी थी. इसी से ग्रामीण उग्र हो गए थे और थानाध्यक्ष श्री निराला तथा अन्य पुलिस बल को बंधक बनाकर उनके हथियार छीन लिए थे और उनके साथ मारपीट की. लोगों ने पुलिस वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था. थानाध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया था कि उनका सरकारी मोबाइल और 42,000 रू० कीमत की सोने की चेन भी उनलोगों ने छीन ली और जानलेवा हमला किया था. उक्त घटना में डीएसपी और कई थाने की पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर लोगों को समझा कर शांत किया था तब छीने हथियार वापस किये गए थे.
        घटना में थानाध्यक्ष के आवेदन पर भादवि की धारा 147, 148, 149, 341, 323, 324, 379, 307, 353, 427 और 120(B) में नामजद किये लोगों को हाई कोर्ट, पटना ने क्रिमनल मिसलेनियस संख्यां. 30742/2015 में अग्रिम जमानत दे दी है. जमानत देने का आधार किसी पर 'स्पेशिफिक एलिगेशन' न होकर उनका भीड़ का हिस्सा होना और अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास न होना आदि माना गया है. क़ानून के जानकारों की राय में कुल मिलाकर प्राथमिकी और अनुसंधान का कमजोर होना फिलहाल अभियुक्तों के पक्ष में गया है. (वि.सं.)
चौसा थानाध्यक्ष को बंधक बनाकर मारपीट के मामले में आरोपियों को मिली अग्रिम जमानत चौसा थानाध्यक्ष को बंधक बनाकर मारपीट के मामले में आरोपियों को मिली अग्रिम जमानत Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 13, 2015 Rating: 5

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