जिले
के लोगों पर प्रकृति की मार इस बार गहरी पड़ी है. किसी का आशियाना तूफ़ान उजाड़ दे रहा
है तो कहीं भूकंप और तूफ़ान से मौतें दिखाई दे रही है, और कभी तो इनसे बचे तो कुछ और
ही हो जाता है.
ऐसा ही कुछ हुआ चौसा थानाक्षेत्र के लौआलगान पूर्वी वार्ड नं.9 निवासी
उपेन्दर सिंह के साथ. छोटा सा आशियाना पर सर ढंकने के काम
तो यही आ रहा था. मन में कुछ दिनों से तूफ़ान और भूकंप का दहशत. कल मजदूरी
करके दिन भर का थका मरा रात में खाना खाकर सोये तो गहरी नींद में चले गए. अचानक उपेंदर
की नींद खुली तो देखा उसका आशियाना जल रहा है. समय सुबह के करीब तीन बजे से चार बजे
के बीच का था. उपेंदर के चिल्लाने पर लोग आग बुझाने दौड़े, पर तब तक पूरा घर जल कर राख
हो चूका था. लोगों ने फिर भी राख बुझाई ताकि और भी घर न जले.
उपेन्दर सिंह के घर में रखे करीब दस हजार रूप, अनाज,
कपड़े, बबर्तन, सायकिल, जेवर तथा अन्य हजारों के सामान जलकर राख हो गए. एक मजदूर के
लिए उजड़ा आशियाना मानो उसकी जिंदगी उजाड़ कर चला गया. आग बुझाने में उपेंदर का पैर भी
झुलस गया है. चौसा के सीआई दयानंद पंडित जांच के लिए पहुंचे थे.
आशियाना जल कर राख हुआ: तूफ़ान और भूकंप से बचे तो आग ने किया सत्यानाश
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 19, 2015
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