‘ये नाजायज मजमा है और आप को निर्देश दिया जाता है कि इस जगह
को तुरंत ही खाली करें’. और अगले ही पल ‘फायर’ का आदेश दे दिया जाता है. मधेपुरा पुलिस के पास मौजूद
विशेष हथियार से भीड़ पर फायरिंग कर दी जाती है और फिर भीड़ धुएं से घिर जाती है.
भीड़ की आँखों में अजीब तरह की जलन पैदा हो जाती है और वे गिरते-पड़ते भाग खड़े होते
हैं.
जिला मुख्यालय
के बी० एन० मंडल स्टेडियम के मैदान में आज हुए ‘टीयर गैस’ के प्रशिक्षण के समय का कुछ ऐसा ही दृश्य था और प्रशिक्षण के बाद अब मधेपुरा पुलिस ने इसे नाजायज
और खतरा पैदा करने वाली भीड़ के नियंत्रण में इस्तेमाल करने का फैसला किया है. मधेपुरा में अब नाजायज मजमा या
उपद्रव फैलाने की कोशिश करने वालों का ऐसा ही कुछ हाल होने वाला है.
मधेपुरा के जिलाधिकारी गोपाल
मीणा और पुलिस अधीक्षक आशीष भारती की उपस्थिति में आज स्टेडियम में मधेपुरा पुलिस
ने विभिन्न हथियारों का परीक्षण किया. अश्रु गैस के गोले का प्रशिक्षण भी कारगर
रहा और मैदान में गोले के असर को परखने के लिए मौजूद पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी
राजीव रंजन ने बताया कि गोला जैसे ही जमीन पर गिरा उसके गैस की जलन से वे परेशान
हो गए और उन्हें तुरंत भागकर आँखें धोनी पड़ी.
मौके पर उपस्थित पुलिस अधीक्षक
आशीष भारती ने कहा कि कई बार प्रशिक्षण के बाद पुलिस कर्मियों को हथिआर चलाने का
मौका नहीं मिल पाता है और फिर हथियारों और गोला-बारूदों की सही स्थिति देखने के
लिए आज प्रशिक्षण का कार्यक्रम था ताकि हम मौके पर पूरी तरह से तैयार रह सकें.
देखें इस वीडियो में अश्रु गैस के
गोले का परीक्षण और क्या कहा एसपी ने, यहाँ
क्लिक करें.
(नि० सं०)
अब मधेपुरा में यदि नाजायज मजमा लगाया तो झेलने होंगे ‘अश्रु गैस’ के गोले
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 14, 2015
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