मधेपुरा में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन हुआ.
जिसमें अधिक संख्या में दूर-दराज के ऋणधारक, पक्षकार और विभिन्न बैंकों के अधिकारी-कर्मचारियों
के अलावा न्यायिक अधिकारी तथा अधिवक्ता शामिल थे. राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौता के
आधार पर 715 वादों का निष्पादन किया गया तथा 2 करोड़ 52 लाख 21 हजार 167 रूपये का दावा सेट्ल हुआ.
मधेपुरा के जिला जज तथा जिला
विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष मजहर इमाम ने राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया
और कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक मामलों के अलावा चेकों के बाउंस होने तथा रिकवरी
के मुकदमों को सुलह के आधार पर निष्पादित किया गया. उन्होंने बताया कि कानूनी अधिकार
प्राप्त लोक अदालत में आपसी समझौता के आधार पर सांस्थित और गैरसांस्थित वादों का निष्पादन
किया जाता रहा है. जिससे समाज में शांति कायम रह सकता है और विकास की गति तेज हो सकेगी.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न सांस्थित मुकदमों के अलावा संभावित
मुकदमों का भी निष्पादन किया जाता है तथा इसके निर्णय का अपील किसी भी न्यायालय में
नहीं हो सकता है. .
जिला
विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह सब जज शत्रुघ्न सिंह ने पक्षकारों, विभिन्न बैंकों के प्रबंधकों
और नागरिक प्रशासन के लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत की
सफलता में सभी पक्षों की अभिरूची, उत्साह और सहयोग शामिल है. उन्होंने स्थायी लोक अदालत का लाभ
लेने का लोगों से अपील किया. गठित बेंच में परिवार न्यायालय के प्रधान सचिव पीके मल्लिक,
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश
प्रभू दयाल गुप्ता, अपर सत्र न्यायाधीष एचपी त्रिपाठी, सबजज तृतीय दशरथ मिश्रा, मुंसिफ प्रथम कुमार कौशल किशोर,
न्यायिक दंडाधिकारी
ज्योति कुमार कश्यप, रामचन्द्र प्रसाद, सुनील कुमार, फिरोज अकरम, अतुल कुमार पाठक, कुमार कृष्णदेव आदि शामिल थे. इस
अवसर पर स्थायी लोक अदालत के सदस्य तथा वरिष्ठ पत्रकार डॉ. देवाषीष बोस भी उपस्थित
थे.
कई ऋण
धारकों ने बताया कि बैंक प्रबंधन उनकी समस्याओं को अभिरूची के साथ नहीं सून रही थी.
जिससे उनके समक्ष लम्बे अर्से से समस्या मौजूद था तथा वे बैंकों का चक्कर लगाने को
मजबूर थे. लेकिन लोक अदालत में समझौता के आधार पर उनकी समस्याओं का समाधान हो गया.
जबकि बिभिन्न बैंक प्रबंधन का कहना था कि कई ऋण धारक बैंक का बकाया ऋण राशि लौटाने
में आनाकानी कर रहे थे. लोक अदालत में ऐसे ऋण धारक ली गयी अपनी राशि बैंक को लौटाने
के लिए तैयार हो गये और बगैर किसी कार्रवाई के बैंकों को लाभ हुआ है. भीड़ में कई ऐसे
लोग भी देखे गये जो लोक अदालत के माध्यम से अपनी विभिन्न समस्याओं का समाधान चाहते
थे. ऐसे लोगों को स्थायी लोक अदालत में आवेदन कर अपनी समस्याओं के समाधान करने के लिए
कहा गया.
मधेपुरा में राष्ट्रीय लोक अदालत: 715 वादों का निष्पादन तथा 2.52 करोड़ का सेटलमेंट
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 14, 2015
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