‘मान-अपमान को त्याग कर जीवन जीने वाला ही सबसे ज्ञानी व्यक्ति’

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड के पोखराम परमानंदपुर पंचायत में सार्वजनिक दुर्गा स्थान के प्रांगण में आयोजित सात आयोजित दिवसीय श्रीमद भागवत कथा वाचन का उदघाटन जिला परिषद अध्यक्षा ने फीता काट कर किया. मौके पर जिप अध्यक्षा श्री मती मंजू देवी ने कहा कि जो व्यक्ति अपने मन, वचन एवं कर्म से निर्मल हो कर भगवान की आराधना करते हैं, वही असली भक्ति माना जाता है.
जिप अध्यक्षा ने कहा कि जिसने भी सांसारिक मोह-माया, सुख-दुःख, छल-कपट एवं ईष्या-द्वेष को त्याग कर भगवान की पूजा की है इस संसार में वही सच्चा भक्त है. मौके पर उपस्थित जिला योजना समिति सदस्य सह नगर पार्षद श्वेत कमल बौआ जी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन में संत की हर वाणी प्रेरणादायक होती है. जो व्यक्ति संसार में मान-अपमान को त्याग कर जीवन व्यतीत करते हैं सबसे ज्ञानी व्यक्ति वही होता है. शिक्षक संघ राज्य प्रतिनिधि विश्वजीत कुमार ने कहा कि भागवत कथा का वाचन हिंसा, क्रूरता, कपटी व्यवहार से मुक्ति दिलाकर लोगों के लिए सही मार्ग पर चलने का एक मात्र संकल्पित, ऐतिहासिक व पौराणिक मार्ग है. इस प्रकार के अमृत वाचन को हमें ग्रहण कर अपने अन्दर उताने से ही हम सच्चे साधक बन सकते हैं.
 सात दिवसीय श्री मद भागवत कथा वाचन का आयोजन धर्मदास जी, दिनानाथ पासवान एवं रंजीत यादव के द्वारा किया गया. आयोजित भागवत कथा का वाचन अयोघ्या के प्रसिद्ध संत श्री शंभु चैतन्य महाराज के द्वारा किया गया. मौके पर राजद के प्रदेश महासचिव डॉ० राजेश रतन मुन्ना, पैक्स अध्यक्ष सुजेन्द्र यादव, पूर्व मुखिया गजेन्द्र यादव, मुकेश यादव, कृष्ण कुमार केसरी, भोगी ऋषिदेव, अशोक ऋषिदेव, जामुन प्र० यादव, राज कुमार, नरेश शर्मा, सहित अन्य श्रद्धालुगण मौजूद थे. 
‘मान-अपमान को त्याग कर जीवन जीने वाला ही सबसे ज्ञानी व्यक्ति’ ‘मान-अपमान को त्याग कर जीवन जीने वाला ही सबसे ज्ञानी व्यक्ति’ Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 06, 2015 Rating: 5

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