दूसरों को सच्चाई का आईना दिखाने वाले पत्रकार को जब
आईने में खुद की बदनीयत छवि न दिखाई दे तो समाज का क्या होगा, अंदाजा आसानी से
लगाया जा सकता है.
ताजा
मामले में चौसा (फुलौत) के एक प्रिंट मीडिया के अखबार के पत्रकार की पत्नी ने पति पर दहेज
के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. अनुपम कुमारी ने पत्रकार पति मनीष गुप्ता
अकेला उर्फ मनीष अकेला पर संगीन आरोप लगाते हुए मधेपुरा के महिला थाना में इन्साफ
की गुहार लगाई है. अनुपम ने अपने साथ पति के द्वारा किये गए हादसे के बारे में
बताया है कि उसकी शादी हिन्दू रीति रिवाज के साथ फरवरी 2011 में हुई थी. पिता ने
हैसियत से ज्यादा ढाई लाख रूपये के जेवर तथा पांच लाख रूपये लड़के वालों को दिया
था. द्विरागमन में टीवी, गोदरेज आदि भी दिया था. पर लड़के वाले दो लाख रूपये और की
मांग करने लगे और जब लड़की वाले ने असमर्थता जाहिर की तो पत्रकार पति और ससुराल
वालों ने गर्भवती अनुपम के साथ मारपीट कर घर से भगा दिया. अनुपम ने कहा है कि उसके
पिता जब वहाँ गए तो उनके साथ भी मारपीट की.
चूंकि
अनुपम गर्भवती थी, इसलिए पिता ने उसे अरार स्थित घर पर रखा जहाँ पिछले 17 नवंबर
2014 को अनुपम ने एक बेटे को जन्म दिया, पर उसके बाद इन्हें देखने न तो पतिदेव आये
और न ही उनके परिवार वाले.
गर्भवती
महिला को दहेज के लिए मारपीट कर भगा देना एक संगीन जुर्म है. पत्रकार पर लगे
आरोपों पर महिला थाना ने त्वरित कार्यवाही करते हुए मामला महिला थाना कांड संख्यां
03/2015 के रूप में दर्ज कर लिया है. महिला प्रताड़ना (498 IPC) और दहेज निरोध अधिनियम की धारा 3/4 दर्ज कर अनुसंधान
प्रारंभ कर दिया गया है.
जब एक
पति सात फेरे लेने के बाद भी उसके साथ निर्दयता की हद पार कर जाए तो ऐसी स्थिति
में तो लोग यही कहेंगे कि पहले कोई संवेदनशील इंसान बनने का प्रयास करे और बाद में
पत्रकार.
(वि० सं०)
मधेपुरा के एक पत्रकार पर लगा शर्मनाक आरोप
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 22, 2015
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January 22, 2015
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