इंटर व मैट्रिक परीक्षा 2015: कदाचार में सहयोग का इतिहास वाले वीक्षक होंगे चिन्हित, केन्द्राधीक्षक के मोबाइल का रिंगटोन न हो आपत्तिजनक

वर्ष 2014 की तरह ही वर्ष 2015 में भी मधेपुरा जिले में इन्टरमीडिएट और मैट्रिक की परीक्षा कदाचारमुक्त हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने अभी से कमर कसनी शुरू कर दी है. मधेपुरा के अनुमंडल पदाधिकारी बिमल कुमार सिंह ने इस सम्बन्ध में मधेपुरा शहरी क्षेत्र के स्कूलों के प्रधानाचार्यों के साथ जो बैठक की उसमें उन्हें कई तरह के प्रस्ताव दिए गए.
      कहा गया कि वे अपने-अपने स्कूलों के छात्रों को कदाचारमुक्त परीक्षा देने हेतु निर्देश दें. तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा करने वाले परीक्षार्थियों के सम्बंधित विद्यालय/ महाविद्यालय के प्रबंधन पर भी इसकी जिम्मेवारी होगी और उनके खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही की जायेगी. हिंसा, तोड़फोड़ एवं विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने में नेपाल, बंगाल तथा दूसरे जिलों से आए छात्रों और अभिभावकों की भूमिका ज्यादा देखि गई है इसलिए वैसे विद्यालय/ महाविद्यालय को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है जो ऐसे छात्रों का नामांकन अपने संस्थान में करते हैं.
      प्राचार्य अपने केन्द्रों पर उनके यहाँ के नियमित शिक्षकों को लगाएं न कि बाहर के वीक्षकों को. अनुमंडल पदाधिकारी ने यह भी अनुरोध किया कि ऐसे शिक्षक जिनका पूर्व का इतिहास परीक्षा में कदाचार में सहयोग करने का है उन्हें चिन्हित कर उनका नाम वीक्षक सूची से हटा दिया जाय. लड़कियों के केन्द्र पर अनिवार्य रूप से महिला वीक्षक को ही प्रतिनियुक्त किया जाय. महिला परीक्षार्थियों की तलाशी का काम महिलाकर्मी ही करेंगी.
      यहाँ तक कि प्रतिनियुक्त कर्मी जैसे केन्द्राधीक्षक/ दंडाधिकारी के पास के मोबाइल में आपत्तिजनक रिंगटोन नहीं रहना चाहिए. (क्रमश:)
(नि० सं०)
इंटर व मैट्रिक परीक्षा 2015: कदाचार में सहयोग का इतिहास वाले वीक्षक होंगे चिन्हित, केन्द्राधीक्षक के मोबाइल का रिंगटोन न हो आपत्तिजनक इंटर व मैट्रिक परीक्षा 2015: कदाचार में सहयोग का इतिहास वाले वीक्षक होंगे चिन्हित, केन्द्राधीक्षक के मोबाइल का रिंगटोन न हो आपत्तिजनक Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 21, 2015 Rating: 5

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