मैट्रिक-इंटर परीक्षा के मामले पर जिलाधिकारी सख्त: सेंटअप में शामिल नहीं होने वाले का फॉर्म भरना मुश्किल
मैट्रिक और इंटर की परीक्षा का बिगुल बज चुका है और
फिर वही मौसम, वही परिस्थिति. वर्ष 2014 में मधेपुरा ने शिक्षा के क्षेत्र में जिस
बुलंदी को देखा वो किसी सपने से कम नहीं था. मधेपुरा में शिक्षा के क्षेत्र में
सुधार के पैरवीकार गत वर्ष की भांति इस साल भी मैट्रिक और इन्टरमीडिएट की परीक्षा
कदाचारमुक्त देखना चाह रहे हैं.
मधेपुरा
में इस साल भी जिलाधिकारी वही हैं और एक हकीकत यह भी है कि शिक्षा माफियायों के
दिल की धडकनें इन दिनों तेज चल रही है.
मैट्रिक
और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए आज जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने निर्देश जारी करते
हुए कहा कि जो परीक्षार्थी सेंटअप परीक्षा में शामिल नहीं होते हैं उन्हें आगे
फॉर्म भरने से रोक दिया जाय. निर्देश यह भी है कि सेंटअप परीक्षाओं के मार्क्स की
सूची बनाकर बोर्ड को भेजे जाएँ.
मधेपुरा
में आज शिक्षा विभाग की मासिक समीक्षात्मक बैठक में जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश
दिया कि एसीआर (एडिशनल क्लास रूम) के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाय. शिक्षा
विभाग की मासिक बैठक में जिले भर में पोशाक राशि, छात्रवृत्ति, प्रोत्साहन राशि
आदि के सही ढंग से वितरण पर भी समीक्षा की गई. बैठक में बिहारीगंज के एक हाई स्कूल
का मामला भी उठा जिसमें कहा जा रहा है कि रजिस्टर में अनुपस्थित को उपस्थित दिखाया
गया. जिलाधिकारी ने जांच का आदेश देते हुए कहा कि यदि रजिस्टर में कटिंग, ह्वाईटनर
आदि का प्रयोग किया गया हो तो सम्बंधित हेडमास्टर के विरूद्ध कार्यवाही की जाय.
मैट्रिक-इंटर परीक्षा के मामले पर जिलाधिकारी सख्त: सेंटअप में शामिल नहीं होने वाले का फॉर्म भरना मुश्किल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 16, 2015
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