भारत भले ही मंगल ग्रह पर पहुँच जाये, पर अभी भी कई
गाँव 21वीं नहीं 12वीं सदी में जी रहे हैं. दहेज जैसी गंदी प्रथा आज भी वीआईपीओं
की शान बनकर रह गई है तो डायन जैसी घृणित प्रथा भी कई गांवों में निर्बाध जारी है,
भले ही सरकार ने कानून बनाकर इसपर लगाम लगाने की कोशिश की हो.
ताजा
मामला पुरैनी के बघरा गाँव का है जहाँ एक दलित नियोजित शिक्षक मनोज कुमार के साथ जातिसूचक
शब्दों के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है. यही नहीं मनोज के पिता पन्नालाल पासवान की पत्नी पर गाँव के दबंग महेंद्र यादव, प्रमोद यादव आदि ने डायन
होने का आरोप लगाया और आदेश दिया कि गाँव छोड़कर भाग जाओ वर्ना तुमलोगों की हत्या
कर दी जायेगी. थानाध्यक्ष पुरैनी को दिए आवेदन में पन्ना लाल पासवान के पुत्र पीड़ित शिक्षक मनोज कुमार ने आरोप
लगाया है कि श्यामल यादव ने आरोप लगाया है कि तुम्हारी माँ ने मेरे बेटे को डायन
कर दिया है, यदि मेरा बेटा ठीक नहीं हुआ तो तुम्हारे परिवार को गाँव से भगा दूंगा
और यदि नहीं भागे तो हत्या कर दूंगा.
मामले
पर कल देर शाम तक कुछ लोगों ने सुलह कराने का प्रयत्न किया, पर दबंग नहीं माने.
पीड़ित परिवार का कहना है कि इससे पहले भी उसके परिवार के सदस्य की हत्या की जा
चुकी है.
“तुम्हारी पत्नी ने मेरे बेटे को डायन किया है”: 21वीं सदी के मधेपुरा का हाल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 07, 2014
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