राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर अधिकारियों और
पत्रकारों के बिच परिचर्चा में कई ऐसी बातें उभर कर सामने आ गई जो यह बताने के लिए
काफी था कि निष्पक्ष पत्रकारिता आज के दिन में क्यों मुश्किल साबित होता जा रहा
है.
मधेपुरा
जिला सूचना जनसंपर्क कार्यालय के द्वारा आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित “सार्वजनिक मामलों में
पारदर्शिता: प्रेस की भूमिका” पर एक परिचर्चा जिला मुख्यालय के डीआरडीए झल्लू बाबू
सभागार में आयोजित की गई जिसमें प्रभारी डीएम अबरार अहमद कमर समेत जिले के कई वरीय
पदाधिकारी मौजूद थे. लगभग सभी मीडिया से जुड़े पत्रकार भी परिचर्चा में शामिल थे.
मौके पर
सार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता में मीडिया की भूमिका पर कई पत्रकारों ने
अपने-अपने विचार रखे, पर यूएनआई और साधना न्यूज चैनल से जुडे मधेपुरा के वरीय
पत्रकार डा० सुलेन्द्र ने मीडिया के निष्पक्ष न होने के पीछे मीडिया घरानों की ही
गलत नीति को जिम्मेवार ठहराते हुए कड़वी सच्चाई कह डाली. उन्होंने कहा कि मीडिया
हॉउस पैसे कमाने की होड़ में पत्रकारों पर विज्ञापन का दवाब डाल देती है और ऐसे में
पत्रकार विज्ञापन लेने के लिए अधिकारी या अन्य लोगों के आगे-पीछे रहते हैं और इस
परिस्थिति में निष्पक्ष और पारदर्शी समाचार की कल्पना करना बेमानी है.
यही
नहीं मधेपुरा में दो दशकों से पत्रकारिता में उम्दा स्थान रखने वाले डा० सुलेन्द्र
ने मधेपुरा टाइम्स के समाचारों की पारदर्शिता और निष्पक्षता की प्रशंसा करते हुए
कहा कि कई कारणों से आज लोग मधेपुरा टाइम्स के प्रशंसक हैं और आधुनिक तकनीक के इस
दौर में जहाँ दूर-दराज गाँवों में अन्य अखबार नहीं पहुँच पाते वहां भी लोग मोबाइल पर
मधेपुरा टाइम्स पढ़ते नजर आते हैं.
परिचर्चा
में रखे गए विषय पर अधिकारियों और कई पत्रकारों ने अपने विचार रखे.
‘विज्ञापन पर आधारित है मीडिया हाउस तो कैसे हो निष्पक्ष पत्रकारिता’: डा० सुलेन्द्र
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 16, 2014
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