सांसद के फर्जी डॉक्टरों की सूची पर डीएम की जांच: कई निकले सचमुच फर्जी, बोरिया-बिस्तर समेट कर जिला खाली करने का आदेश
|नि० सं०|08 नवंबर 2014|
मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव द्वारा
जारी किये गए 27 फर्जी डॉक्टरों की सूची पर जिला प्रशासन की जांच में कई चिकित्सक
फर्जी निकले. फर्जी चिकित्सकों को मधेपुरा के जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने अपना
कारोबार समेट कर जिला खाली करने का आदेश दे दिया है.
किसे मिला क्या निर्देश?: फर्जी डॉक्टरों के
सांसद के लिस्ट पर स्वास्थ्य विभाग ने कथित डॉक्टरों को उनकी डिग्रियों और साक्ष्यों
के साथ जिला प्रशासन के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था. पर मधेपुरा
समाहरणालय में जिलाधिकारी गोपाल मीणा, सिविल सर्जन एन. के. विद्यार्थी तथा अन्य
अधिकारियों और वरीय चिकित्सकों के सामने जाच के लिए कुल 27 में से सिर्फ 16 डॉक्टर
और नर्सिंग होम संचालक ही पहुंचे. अनुपस्थित दौकत्रों के फर्जी होने की आशंका
जाहिर करते हुए डीएम ने सिविल सर्जन को उनकी जांच के आदेश दे दिए.
इधर
मौजूद डॉक्टरों में से जिनकी डिग्रियां फर्जी पाई गई उन्हें जिला खाली करने का
आदेश दे दिया गया है. डीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी चिकित्सक अपनी डिग्री
के दायरे में ही काम करे. जांच के दौरान उदाकिशुनगंज के डा० शिव कुमार ने जब अपने
को एम्स का डॉक्टर होने की बात बताई तो डीएम को उनपर शक हुआ और जब उन्होंने सीएस
को उनसे मेडिकल लाइन पर कुछ पूछने कहा तो डॉक्टर शिव कुमार एम्स (AIIMS) का फुल फॉर्म भी नहीं बता सके.
डीएम ने उन्हें शहर खाली करने का आदेश दिया. उदाकिशुनगंज की डॉक्टर पूनम द्वारा क्लिनिक
बंद कर देने की बात बताई गई. डा० संदीप की डिग्री फिजियोथैरेपी की थी, उसे नाम के
आगे से डॉक्टर हटाने का आदेश दिया गया, पर जब उसने कहा कि वे पीएचडी कर चुके हैं
तो फिर उन्हें इस आधार पर डॉक्टर लिखने की अनुमति दी गई. उन्हें सिर्फ
फिजियोथैरेपी के मरीज का ही इलाज करने का आदेश दिया गया.
इसके
अलावे डा० संजय कुमार (नेत्र) को कहा गया कि डॉक्टर नहीं लिखें. यदि ऑपरेशन करने
या दवा लिखने का प्रमाण मिला तो सख्त कार्यवाही की जायेगी. डा० बबीता (नेत्र) को
नाम के आगे से डॉक्टर हटाने का निर्देश दिया गया और डॉक्टर संतोष (फिजियोथैरेपी)
को भी डॉक्टर नहीं लिखने का निर्देश देते हुए कहा गया कि यदि सदर अस्पताल से
ड्यूटी से गायब पाए गए तो कार्यवाही होगी. डा० संध्या कुमारी को उनके पास के
अल्टरनेटिव मेडिसीन की डिग्री के आधार पर डा० नहीं लिखने तथा सिर्फ नॉर्मल डिलीवरी
कराने के लिए एक डॉक्टर की उपस्थिति अनिवार्य बताया गया. रामकृष्ण अस्पताल के
प्रबंधक को कहा गया कि यदि एक डॉक्टर को 24 घंटे रखते हैं तब ही ऑपरेशन करा सकते
हैं क्योंकि ऑपरेशन वाले मरीज के लिए 24 घंटे डॉक्टरों की सेवा की जरूरत है. डा०
ए० के० आनंद के अल्टरनेटिव मेडिसिन की डिग्री पर उन्हें नाम के साथ डॉक्टर नहीं
लिखने का आदेश दिया गया और साथ ही एमसीआई से रजिस्ट्रेशन कराने का भी निर्देश देते
हुए सिर्फ निर्धारित दवा ही लिखने का आदेश दिया गया.
बिहारीगंज
की डा० पूनम ने तो फर्जी डिग्री के मामले में हद ही कर दी. अमेरिका और पाकिस्तान
की डिग्री वाली डा० पूनम को कहा गया कि आप लोगों कि जिंदगी के साथ खिलवाड़ न करें,
क्लिनिक बंद कर अविलम्ब चली जाएँ. डा० स्मृति रानी को कहा गया कि वे डॉक्टर लिखना
बंद करे और सिर्फ आयुर्वेद का इलाज करें, अन्य इलाज करते पकड़े जाने पर कड़ी
कार्यवाही की जायेगी. इसी तरह डा० रूबी को कहा गया कि इलाज न करें, वर्ना
कार्यवाही के लिए तैयार रहें.
सांसद के फर्जी डॉक्टरों की सूची पर डीएम की जांच: कई निकले सचमुच फर्जी, बोरिया-बिस्तर समेट कर जिला खाली करने का आदेश
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 08, 2014
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