‘क़ानून ही अस्त्र, क़ानून ही ढाल’ का मूलमंत्र रखने वाले पूर्व डीजीपी और मधेपुरा के पहले एसपी अभयानंद मधेपुरा में: रिटायरमेंट के बाद गरीब छात्रों की शिक्षा को देंगे मुकाम

1977 बैच के आईपीएस अभयानंद का नाम आते ही भले ही आप उन्हें बिहार के पूर्व डीजीपी के रूप में और वर्तमान
में डीजीपी होमगार्ड के रूप में याद करें, पर बहुत से लोग ये नहीं जानते हैं कि 9 मई 1981 को मधेपुरा के जिला बनने के बाद अभयानंद मधेपुरा के पहले एसपी बने
थे.
अभयानंद के जीवन और सफलता में वे सिंहेश्वर मंदिर और भगवान
शंकर पर अटूट आस्था को एक बड़ी वजह मानते हैं.
आईपीएस अभयानंद के पिता जगदानंद
भी वर्ष 1986 में बिहार के डीजीपी थे. वर्ष 2011 में बिहार के डीजीपी बनने के समय भी अभयानंद
ने सिंहेश्वर मंदिर में पूजा के दौरान बताया था कि वे सिंघेश्वर मंदिर
उस समय से आते हैं जब वे बीपीसीएस की परीक्षा दे रहे थे. उसके बाद इंटरव्यू के समय, ट्रेनिंग से लौटने के बाद, एसपी बनने के बाद, शादी होने के बाद, बच्चे होने के बाद और न जाने कितनी बार वे बाबा
के दरबार में पहुंचे हैं. शिव
एक ऐसी
शक्ति है जिनमें देने की अपार क्षमता है. मधेपुरा में अपने एसपी के कार्यकाल को याद करते अभयानंद कहते हैं कि मुझे यहाँ के लोग भी बहुत पसंद हैं.
‘क़ानून ही अस्त्र, क़ानून ही ढाल’ का मूलमंत्र रखने वाले बिहार के
इस गौरव ने आज जिला अतिथिगृह में मधेपुरा के वर्तमान एसपी आनंद कुमार सिंह के साथ
क़ानून के विभिन्न पहलूओं को मीडिया के सामने रखा और अगले माह रिटायरमेंट के बाद
उन्होंने गरीब छात्रों को आईआईटी जैसी कठिन परीक्षा में सफलता दिलाने के अपने
अभियान को और गति देने की योजना बताई.
‘क़ानून ही अस्त्र, क़ानून ही ढाल’ का मूलमंत्र रखने वाले पूर्व डीजीपी और मधेपुरा के पहले एसपी अभयानंद मधेपुरा में: रिटायरमेंट के बाद गरीब छात्रों की शिक्षा को देंगे मुकाम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 13, 2014
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