मधेपुरा जिला के आलमनगर प्रखंड क्षेत्र के लगभग दो
लाख लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया करने का दावा करने वाला एक मात्र प्राथमिक
चिकित्सा केन्द्र आलमनगर में घोर अराजकता की स्थिति बन गई है.
प्राथमिक
स्वास्थ्य केन्द्र आलमनगर में स्वास्थ्य सुविधा नदारद रहने के कारण इलाके के लोगों
में भारी आक्रोश उत्पन्न हो रहा है. स्थानीय लोग समेत कई राजनेताओं ने भी इसकी
बदहाली के बारे में वरीय अधिकारियों को अवगत कराया, पर अधिकारियों द्वारा यहाँ
चरमराती स्वास्थ्य सेवा और शराब का भरपूर सेवन कर ड्यूटी पर तैनात रहने वाले
कर्मचारियों के खिलाफ जांच कर कोई कार्यवाही नहीं करने से भी आम लोग सकते में हैं.
स्थानीय
लोगों की शिकायत पर जब जिला पार्षद सुबोध ऋषिदेव ने बुधवार को आलमनगर पीएचसी का
निरीक्षण किया तो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा० बी० के० वर्मा छ: दिनों से तथा
स्वास्थ्यकर्मी कन्हैया कुमार व पंकज कुमार लगभग 15 दिनिओं से गायब पाए गए. इस
बावत जिला पार्षद ने सिविल सर्जन मधेपुरा से बात कर सीएस के निर्देश पर अनुपस्थित
स्वास्थ्य कर्मी की उपस्थिति पंजी में काटी.
निरीक्षण
के बाद जिला पार्षद सुबोध ऋषिदेव ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि आलमनगर स्वास्थ्य
केन्द्र में पदस्थापित स्वास्थ्य कर्मी शाम ढलते ही लोगों ओ जीवन देने की बजाय
मधुशाला में तब्दील हो जाती है. स्वास्थ्य केन्द्र में खुले आम शराब का सेवन करने
वाले स्वास्थ्य कर्मियों पर रोक लगी जानी चाहिए. नशे में रोगियों के इलाज से किसी
ई जान सुरक्षित नहीं है.
आलमनगर पीएचसी: शाम ढलते ही हो जाता है मधुशाला में तब्दील
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 13, 2014
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