सनम बेवफा ! ‘तूने दिल मेरा तोड़ा, कहीं का नहीं छोड़ा’: दुर्गा मंदिर का पुजारी फरार, पत्नी माता के चौखट पर सर पटक कर लगा रही न्याय की गुहार
|मुरारी कुमार सिंह|10 अक्टूबर 2014|
‘अभी तो मेरी ज़िंदगी है परेशां
कहीं मर के हो खाक भी न परेशां
दिये की तरह से न हमको जलाओ
मोहब्बत
में इतना ना हमको सताओ’
भट्ठा बाजार की रीना दिन में कई बार मधेपुरा
जिला मुख्यालय के दुर्गा मंदिर जाती है. यहाँ उसकी आँखें देवी नहीं बल्कि अपने
देवता को ढूंढ रही होती है. दुर्गा मंदिर का पुजारी घोलट झा की बेवफाई ने रीना का
जीना हराम कर रखा है. करीब रोज ही रीना को कही से पता चलता है कि उससे ‘लव मैरिज’
करने वाला उसका चार नामों वाला पति आज मंदिर आ रहा है. रीना की आँखें उम्मीद से
चमक उठती हैं ये सोचकर कि उसका पति मंदिर आएगा और इस बार भगवान के सामने उसका हाथ
सदा के लिए थाम लेगा. पर शाम होते-होते रीना की उम्मीदें दम तोड़ने लगती है. फिर
रीना माँ दुर्गा को याद करने लगती है. उम्मीदें भगवान से भी है.
आज पुजारी घोलट झा की ओर से मधेपुरा टाइम्स
से संपर्क कर अनुरोध किया गया कि वे पुजारी के खिलाफ लगातार छपाई न करें. मधेपुरा
टाइम्स का जवाब था कि पंडित सामने आकर अपना पक्ष रखें, ताकि मामले में सच सामने आ
सके. भाग जाना कायरता का परिचायक है और यह भी दर्शाता है कि पंडित जी की तरफ से
कहीं न कहीं गडबडझाला है. उधर रीना कहती है कि उसकी न सही, उनसे पैदा ली हुई गोद
में इस चार महीने के मासूम की याद उस ‘बैरी
पिया’ को क्यों नहीं आ रही है?
चाय की दूकान से प्रारम्भ हुआ प्यार और शादी
से लेकर साथ रहने के सुनहरे दिनों को याद करती रीना अब भी इस उम्मीद में है कि
घोलट पहले की तरह उसके लिए तड़पेगा और आकर उसकी जिंदगी फिर एकबार खुशियों से भर
देगा.
‘मैं सांसों के हर तार में छुप रहा हूँ
मैं धड़कन के हर राग में बस रहा हूँ
ज़रा दिल की जानिब निगाहें झुकाओ
मोहब्बत
में इतना ना हमको सताओ.’
अब देखना है कि लाखों भक्तों को भगवान का
दर्शन कराने वाला पुजारी खुद कब मंदिर में दर्शन देता है? उधर एसपी को दिए आवेदन
के आलोक में महिला थाना की सब-इन्स्पेक्टर आरती ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
सनम बेवफा ! ‘तूने दिल मेरा तोड़ा, कहीं का नहीं छोड़ा’: दुर्गा मंदिर का पुजारी फरार, पत्नी माता के चौखट पर सर पटक कर लगा रही न्याय की गुहार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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October 10, 2014
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