पंडित जी, बताई न ब्याह कब कैलही?: दुर्गा मंदिर के पुजारी घोलट झा पर महिला से धोखा कर तीसरी शादी का आरोप: चाय की दुकान से किया था इश्क का नाटक


पूछे
जाने पर महिला ने पंडित और अपने लव की जो स्टोरी सुनाई उसके मुताबिक़ इस इश्क के
पुजारी ने करीब उसे पूर्णियां में चाय पीते-पीते पटाया था. रीना ने बताया कि करीब
चार साल पहले घोलट झा पूर्णियां के भट्ठा बाजार में एक दूकान पर चाय पीने जाता था.
रीना का घर भी उसी चाय की दूकान के बगल में था. घोलट झा ने पूर्णियां में अपना नाम
एन. के. झा बताया था और उसके घर आने-जाने लगा और फिर एक दिन पंडित ने उसे फर्जी
दुखभरी कहानी सुनाई. पंडित ने कहा कि उसकी पत्नी का देहांत हो चुका है और उसके लिए
बिना किसी जीवनसाथी के बाकी जिंदगी काटना मुश्किल है. रीना उसकी बातों में आ गई और
फिर पंडित ने उससे करीब तीन साल पहले ब्याह रचा लिया. उसके बाद पंडित ने रीना को
मधेपुरा में रेलवे स्टेशन के पास एक किराये के मकान में रखने लगा और दोनों
पति-पत्नी की तरह रहने लगे. हाल में जब रीना गर्भवती हुई तो पंडित ने उसे यह कहकर
कि यहाँ देखरेख में समस्या है, रीना को मैके भेज दिया. करीब चार महीने पहले रीना
ने पंडित की बच्ची को जन्म दिया और जब वह अभी बच्ची के साथ मधेपुरा पहुंची तो पता
चला घोलट झा ने भाड़े के मकान को खाली कर दिया. रीना जब पंडित पति को खोजते मंदिर
पहुंची तो पंडित ने उलटा रीना के चरित्र पर आरोप लगा दिया.
रीना ने
बताया कि उसे बाद में पता चला था कि वह ठगी चली गई है. रामपट्टी के इस पंडित ने
अबतक चार नाम रखे थे. श्यामसुन्दर झा, श्यामकिशोर झा, एन.के. झा और घोलट झा एक ही
व्यक्ति के चार नाम हैं और ये घोलट की तीसरी शादी है. उसकी पहली पत्नी भी जिन्दा
है.
सच क्या
है क्या नहीं, इसका पता को तब चल पाता जब पुजारी घोलट झा भी अपनी बात कहते, पर
घोलट का प्लॉट पर से भाग जाना बताता है कि दाल में काला है.
पंडित जी, बताई न ब्याह कब कैलही?: दुर्गा मंदिर के पुजारी घोलट झा पर महिला से धोखा कर तीसरी शादी का आरोप: चाय की दुकान से किया था इश्क का नाटक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 08, 2014
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