रमजान के पहले जुम्मे को नमाज अदा: गरीब की जिंदगी को समझने के लिए रखा जाता है रोजा

रमजान के पवित्र महीने के पहले जुम्मे को आज जिला भर के मस्जिदों में नमाज अदा करने को रोजेदारों की बड़ी भीड़ उमड़ी. जिला मुख्यालय के जामा मस्जिद में भी हजारों की संख्यां में रोजा रख रहे मुस्लिमों ने रमजाने मुबारक के महीने में आज पहले जुम्मे की नमाज अदा की.
      रमजान के महत्व को बताते हुए मधेपुरा के जामा मस्जिद के ईमाम मुस्ताक अहमद कहते हैं कि रमजाने मुबारक का महीना इंसान के मकाम को ऊँचा करता है. इस दौरान रोजा में दिन भर भूखे-प्यासे रहने के पीछे कारण यह होता है कि इंसान गरीबों की जिंदगी को समझे और यह आहसास करे कि जिन गरीबों को खाने-पीने की चीज मयस्सर नहीं है, उनकी जिंदगी कैसी होती होगी. हर इंसान को गरीबों और लाचारों के  प्रति सहानुभूति बरतनी चाहिए. रोजेदार अल्लाह के डर से ताकि अल्लाह की नजर से न गिरे, रोजा के नियमों का कड़ाई से पालन करता है और अल्लाह से अपने पिछले गुनाहों को माफ करने की गुजारिश करता है. चूंकि रोजेदार अल्लाह की इच्छा पूरी करता है इसलिए अल्लाह उस इंसान का हो जाता है.
      सुनिए इस वीडियो में जामा मस्जिद मधेपुरा के ईमाम को, यहाँ क्लिक करें.
रमजान के पहले जुम्मे को नमाज अदा: गरीब की जिंदगी को समझने के लिए रखा जाता है रोजा रमजान के पहले जुम्मे को नमाज अदा: गरीब की जिंदगी को समझने के लिए रखा जाता है रोजा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 04, 2014 Rating: 5

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