वर्तमान जिलाधिकारी के समय में निश्चित रूप से प्रखंड
कार्यालयों समेत जिला समाहरणालय में ‘वर्क कल्चर’ में उल्लेखनीय सुधार हुए हैं.
पर क्या करें, कई कर्मचारियों की
कई आदतें तो पुरानी है, इतनी आसानी से कहाँ जाने वाली. बिहार के सरकारी कार्यालयों
में कर्मचारियों के लिए कोई ‘ड्रेस कोड’ तो है नहीं, पर माना यही जाता रहा है कि कर्मचारी और
अधिकारी कोई भद्दा या अजीबोगरीब ड्रेस न पहने. शर्ट उतार कर या कपड़े खोलकर काम
करना देश के किसी कोने में अवस्थित सरकारी कार्यालयों में अच्छा नहीं माना जा सकता
है. और यदि कोई कर्मचारी कार्यालय में फाइलों के सामने ही टेढ़ा होकर आराम से
कुर्सी पर सो जाए, तो इसे कौन सा ‘वर्क कल्चर’ कहेंगे.
कुछ दिनों पहले चर्चा हुई थी कि
समाहरणालय में सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं ताकि कर्मचारियों तथा अन्य लोगों की
हरकतें जिलाधिकारी अपने कक्ष से ही देख सकें. पर बताया जाता है कि कर्मचारियों के
कक्षों में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाये हैं. बात भी सच लगती है. मधेपुरा टाइम्स के ‘अंडरकवर रिपोर्टर’ ने जब कल दोपहर में समाहरणालय
का जायजा लिया तो जिला सांख्यिकी विभाग में ‘बाबू’ चैन से कुर्सी पर सो रहे थे, वहीं दूसरी तरफ उत्पाद एवं
मद्यनिषेध विभाग में अधिकारी शर्ट उतार कर काम करते दिखे. जबकि कल मौसम में उतनी
गर्मी भी नहीं थी और कक्ष में पंखा भी द्रुत गति से चल रहा था.
जाहिर है समाहरणालय में भी अभी और सुधार की आवश्यकता तो बनती ही
है.
देखें वीडियो में, यहाँ क्लिक करें.
(ब्यूरो रिपोर्ट)
मधेपुरा समाहरणालय: कहीं शर्ट उतार कर काम कर रहे तो कहीं खर्राटे मार रहे कर्मी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 04, 2014
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