मधेपुरा टाइम्स का कैमरा खुला तो सदर अस्पताल में दलाल की बंध गई घिग्घी: कान पकड़ते हाथ जोड़कर भागा (देखें वीडियो)
स्थान: आपका जाना-पहचाना सदर अस्पताल मधेपुरा.
तिथि:15 जुलाई 2014. समय: करीब 09:50 बजे सुबह. अचानक हमें सूचना मिलती है कि वही
पुराना दलाल सदर अस्पताल मधेपुरा में मौजूद है. मधेपुरा टाइम्स टीम अगले ही क्षण
सदर अस्पताल के ओपीडी पर पहुँच जाती है. दलाल ओपीडी में घुसता है और ओपीडी में
बैठे अधिकारी से महज दो सेकेण्ड इशारे में बात करता है और बाहर बेंच पर बैठ जाता
है. मधेपुरा टाइम्स के ‘अंडर कवर रिपोर्टर’ ने पुराने गंदे कपड़े पहने हैं ताकि सबको लगे कि यह भी कोई
रोगी ही है पर ‘हिडेन
कैमरा’ अपना काम कर रहा है.
हमारे दो सहयोगी ओपीडी के बाहर ही रहते हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा
सके.
दलाल
पेशेंट्स के हाथ से पुर्जा लेने लगता है और उसे दवाईयों के निर्देश के अलावे
मनपसंद दवा दुकान और पैथोलॉजी के बारे में बताने लगता है.
पाठकों
को बता दें कि हमारे हिडेन कैमरे में जब पहली बार यह दलाल आया था तो मधेपुरा के
सांसद पप्पू यादव ने उस स्टिंग का वीडियो प्रशासन को दिखा कर कार्यवाही करने की
मांग की थी. पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. उसके बाद तीसरे दिन मधेपुरा टाइम्स ने फिर
उसी दलाल का स्टिंग कर लिया. हालात से क्षुब्ध सांसद ने इस बार प्रेस कॉन्फ्रेंस
कर कहा कि यदि स्टिंग के बावजूद भ्रष्टाचार में कमी नहीं होती है तो वे स्टिंग के
वीडियो सहित हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे. पर अस्पताल प्रशासन को फिर
भी कोई फर्क नहीं पड़ा और एक अदना सा दलाल सबों पर भारी दिख रहा है.
सवाल यह
है कि हम रोज-रोज स्टिंग करके ही क्या कर लेंगे, जब जिला प्रशासन कोई कार्यवाही ही
नहीं करेगी ? एक दलाल को सिविल सर्जन साहब अस्पताल से हटाने में भी इतने लाचार हैं
तो क्या अब मधेपुरा को भगवान भरोसे छोड़ देना चाहिए ?
हमने अपनी
अंतिम कार्यवाही की और कैमरा निकाल कर सीधा उस व्यक्ति पर तान दिया. पूछा कि आप
किस हैसियत से रोगियों के पुर्जे देख रहे हैं. कहते हैं भ्रष्ट आदमी विपरीत हालात
में जल्दी टूट जाता है. दलाल ने कान पकड़ कर कहा कि गलती हो गई. हमारे यह पूछने पर
कि आपको मधेपुरा की लोगों की जान से खेलने का अधिकार किसने दे दिया तो उसने हाथ
जोड़कर कहा कि अब हम यहाँ कभी नजर नहीं आयेंगे. हमने कहा, अति हो गई आपकी, अब जेल
जाने को तैयार रहिये.
पर हम
जानते हैं, हमारे पास न कोई पुलिस है और न ही कोई जेल. ये प्रशासन के अधीन होते
हैं और इस मामले में अस्पताल प्रशासन घोड़े-गदहे-कुत्ते बेचकर सो रहा है.
कैमरे
के सामने दलाल का वीडियो देखने के लिए यहाँ
क्लिक करें.
(ब्यूरो रिपोर्ट)
मधेपुरा टाइम्स का कैमरा खुला तो सदर अस्पताल में दलाल की बंध गई घिग्घी: कान पकड़ते हाथ जोड़कर भागा (देखें वीडियो)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 15, 2014
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