जिले में करीब हर योजनाओं में लूट मची है. न तो
आंगनबाड़ी से घूसखोरी जा रही है और न ही मध्यान्ह भोजन में मची लूट पर लगाम लग रहे
हैं.
मधेपुरा
जिले के गम्हरिया प्रखंड के
प्राथमिक विद्यालय प्रेम लाल टोला को ही लीजिए. यहाँ
मध्यान्ह भोजन के नाम पर जो खाना बच्चों को दिया जा रहा है, वो यहाँ के मास्टर
साहब अपनी बीवी-बच्चों को रोज खिलावें तो उन्हें पता चलेगा कि वे क्या कर रहे हैं.
ग्रामीण बताते हैं कि इस स्कूल में करीब तीन सौ छात्र नामांकित हैं, पर आते हैं सौ
से डेढ़ सौ. और यहाँ 350 की हाजिरी बना कर मध्यान्ह भोजन की राशि को डकार लिया जाता
है. एक तो छात्रों की उपस्थिति में बेईमानी ऊपर से खाना के नाम पर खानापूर्ति.
तस्वीर में कटोरे में भिखमंगे को देने वाले भोजन की तरह खाना है. दाल की जगह पर
पानी में हल्दी नजर आ रहा है तो शब्जी के नाम पर बिना मसाले के आलू.

आइये
गम्हरिया के एक दूसरे विद्यालय का हाल देखते हैं. कारी बन्नी नवसृजित विद्यालय
गम्हरिया के प्रधानाध्यापक मो० मिरतुल्ला ने तो हद ही कर दी. स्कूल भवन का फोटो
देखिये, लोकल बालू, घटिया ईंट और सीमेंट से भवन बनवा कर अपना भवन नोट से मजबूत
करते दिखाई दे रहे हैं. श्रीमान ने तो मध्यान्ह भोजन में भी लूट मचा रखी है. मौके
पर भोजन कर रहे थे 42 छात्र पर खाना बना दिखाया गया था 107 छात्रों का.
पता
नहीं मधेपुरा को कब एक ऐसा उद्धारक मिलेगा जो गरीबों के निवाले को उसके मुंह तक
पूरा-पूरा पहुंचाने का प्रयास करेगा. या फिर यूं ही चलता रहेगा लूट का खेल ???
ग़रीब के निवाले को निगल रहे हैं शिक्षक तो भवन निर्माण के नाम भारी कमीशनखोरी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 29, 2014
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