पत्रकार की तरह पुलिसवाले घटनास्थल पर तुरंत क्यों नहीं पहुँचते ? मधेपुरा में मीडिया पर भरोसा अधिक पुलिस पर कम
|मुरारी कुमार सिंह|07 मई 2014|
मधेपुरा में लोगों को मीडिया पर भरोसा बहुत अधिक है
जबकि पुलिस पर बहुत ही कम. और इस भरोसे का खुलासा एक कार्यक्रम में छात्राओं और
शिक्षक-शिक्षिकाओं ने पुलिस के सामने
किया.
जिला
मुख्यालय के किरण पब्लिक स्कूल में महिला थाना मधेपुरा की ओर से आयोजित महिलाओं की
सुरक्षा पर आधारित एक सशक्तिकरण सभा में स्कूल की छात्राओं ने मधेपुरा की महिला
थानाध्यक्ष प्रमिला से साफ़ शब्दों में पूछा कि घटना की जानकारी के बाद जैसे मीडिया
वाले घटनास्थल पर तुरंत पहुँच जाते हैं, वैसे पुलिस क्यों नहीं पहुँचती ? घटना हो
जाने के घंटों बाद पुलिस क्यों पहुँचती है ?
सवाल
उठाया गया कि पीडितों की कोई भी रिपोर्ट थाने में आसानी से दर्ज क्यों नहीं की
जाती ? मीडिया में यदि कोई सच्ची खबर छापी जाती है तो उसके बाद भी पुलिस एक्शन
क्यों नहीं लेती ?
छात्राओं
का यह भी कहना था कि मीडिया सच लिखता है पर आम लोगों को पुलिस से अभी भी परेशानी
होती है. कार्यक्रम में मौजूद छात्रा निलोफर, मेघा, मोनिका, मनस्वी, साक्षी राज,
गीतू प्रिया, मनीषा, चंदा, प्राची आदि ने अपने तर्कों से समाज की हकीकत बताने का
प्रयास किया वहीँ पत्रकार संजय परमार ने कहा कि पुलिस को अपने दामन पर लगे दाग को
अभी छुडाने की जरूरत है और उन्हें अपने काम से जनता का विश्वास जीतना होगा ताकि
समाज में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. मौके पर मौजूद महिला थानाध्यक्ष
प्रमिला की प्रशंसा करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जिले के कई अधिकारियों को इनकी तरह
ही संवेदनशील होने की आवश्यकता है. वैसे अपने जवाबों से प्रमिला ने छात्राओं को
काफी हद तक संतुष्ट करने का प्रयास किया.
महिला सशक्तिकरण
पर आधारित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता किरण पब्लिक स्कूल की संचालिका डा० किरण
प्रकाश ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रबंध निदेशक अमन प्रकाश के द्वारा किया गया.
जबकि मौके पर स्कूल के शिक्षक तेज नारायण आर्य, इंद्र नारायण, धीरेन्द्र कुमार आदि
ने भी महिला सुरक्षा और समस्याओं पर अपने विचार रखे.
पत्रकार की तरह पुलिसवाले घटनास्थल पर तुरंत क्यों नहीं पहुँचते ? मधेपुरा में मीडिया पर भरोसा अधिक पुलिस पर कम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 07, 2014
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