सिंहेश्वर महोत्सव का अंतिम दिन: लोग झूम रहे तृप्ति शाक्या के गीतों पर

|वि० सं०|04 मार्च 2014|
प्रसिद्ध धर्मस्थल सिंहेश्वरधाम में पहली बार हो रहे सिंहेश्वर महोत्सव के तीसरे और अंतिम दिन दर्शक मशहूर पार्श्वगायिका तृप्ति शाक्या के गीतों का आनंद ले रहे हैं.
      पहले दिन जहाँ स्थानीय कलाकारों और भागलपुर की ऑर्केस्ट्रा टीम ने अपना जलवा दिखाया वहीँ दूसरे दिन राजस्थान के प्रसिद्ध लोकगायक बड़े गाजी खान की टीम ने महोत्सव में उपस्थित दर्शकों का मन मोहा.
      और आज जब महोत्सव की मंच पर तृप्ति शाक्या की टीम उतरी तो लोग सुधबुध खो बैठे. तृप्ति शाक्या ने कार्यक्रम के प्रारम्भ में अपने गाये भजन तथा भक्ति गीतों पर लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया. प्रसिद्ध गायिका ने न केवल खुद अपनी टीम के साथ गाया, बल्कि लोकप्रिय गीत कभी राम बनके कभी श्याम बनके, चले आना प्रभु जी पर दर्शक दीर्घा में मौजूद महिलाओं और पुरुषों को भी साथ गाने को मजबूर कर दिया.
      सिंहेश्वर के मवेशी हाट के ग्राउंड में प्रशासन की देखरेख चल रहे इस कार्यक्रम में हजारों की भीड़ प्रत्येक दिन कलाकारों को सुनने-देखने के लिए रात के दस बजे तक जमी रही.
      व्यवस्था की देखरेख कर रहे मधेपुरा के एसडीओ बिमल कुमार सिंह का मानना था कि चूंकि कार्यक्रम अचानक हुआ है इसलिए इसबार कम समय में हमने अच्छी तैयारी करने का प्रयास किया. अगले साल से पूरा समय मिलेगा और निश्चित रूप से सिंहेश्वर मेले की तरह सिंहेश्वर महोत्सव भी अद्भुत होगा.
      हालांकि चुनाव से सम्बंधित मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो जाने से इतने अच्छे कार्यक्रम का दस बजे रात तक ही चलने का अफ़सोस बहुत लोगों को रहा, पर इलाके के लोग ये सोच कर भी संतुष्ट हैं कि अगले साल से सिंहेश्वर महोत्सव और भी यादगार होगा.
    तृप्ति शाक्या के कार्यक्रम के वीडियो का अंश देखने के लिए यहाँ क्लिक करें.
सिंहेश्वर महोत्सव का अंतिम दिन: लोग झूम रहे तृप्ति शाक्या के गीतों पर सिंहेश्वर महोत्सव का अंतिम दिन: लोग झूम रहे तृप्ति शाक्या के गीतों पर Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 04, 2014 Rating: 5

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