|ब्रजेश सिंह|16 सितम्बर 2013|
उदाकिशुनगंज अनुमंडल में मंदिरों में मूर्ति चोरी की
लगातार घटनाओं से इलाके के श्रद्धालु खासे परेशान हैं. ऊपर से मूर्ति चोरी के
उदभेदन में अनुमंडल की पुलिस की नाकामयाबी से लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं.
वर्ष 2001 में आलमनगर ड्यौढ़ी स्थित ठाकुरबाड़ी से
सैंकड़ों वर्ष पुरानी अष्टधातु से बनी बेशकीमती राधाकृष्ण की मूर्ति चोरी मामले में
भी पुलिस को नाकामयाबी ही मिली थी. इस इलाके में हाल में मूर्ति चोरी की आधा दर्जन
से अधिक घटनाएं सामने आ चुकी है. वर्ष 2004 में चौसा बाजार स्थित ठाकुरबाड़ी से राधाकृष्ण
की मूर्ति चोरी हो गई थी. साथ ही करीब छ: माह पूर्व उदाकिशुनगंज के ठाकुरबाड़ी से
रामजानकी और हनुमान की मूर्ति पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया था. इसी तरह करीब तीन
माह पूर्व रतवारा के ठाकुरबाड़ी से भी अतिप्राचीन रामजानकी की मूर्ति चोरों द्वारा
चुरा ली गई थी.
पर करीब
सारे मामलों के उदभेदन के मामले में अनुमंडल की पुलिस नकारा ही साबित हुई. मतलब कि
मूर्ति चोरी के मामले में उदाकिशुनगंज अनुमंडल में जहाँ चोर मस्त हैं वहीं पुलिस
पस्त नजर आ रही है.
मूर्ति चोरी: चोर मस्त, पुलिस पस्त
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 16, 2013
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