पहले रंगदारी फिर गिडगिडाते मांगी माफी

|वि० सं०|07 अगस्त 2013|
युवाओं के बहकते कदम कब उसे अपराध की दुनियां में लाकर खड़ा कर दे कहना मुश्किल है. पर यदि शुरुआती दौर में ही झटका लग जाए तो शायद ये संभल भी जाते हैं.
      मधेपुरा के सिविल कोर्ट के पेशकार राजेश सिन्हा के मोबाइल पर जब अचानक कॉल आया कि हमें एक लाख रूपये में तुम्हारे बेटे की सुपाड़ी मिली है तो घर के सदस्यों की चिंता वाजिब थी. मामले से मौखिक रूप से मधेपुरा पुलिस को अवगत कराया गया और पुलिस की मदद से धमकी वाले मोबाइल नंबर की तहकीकात की गई तो 07870140332 के इस नंबर का लोकेशन हजारीबाग के डुमरीबाग में मिला. यूनिनौर के इस नंबर को हजारीबाग के बिरेन्द्र उरांव के नाम से जारी किया गया था. राजेश सिन्हा ने उस नंबर से बार-बार बात कर इतना तो अंदाजा कर ही लिया कि दूसरी तरफ कोई शातिर और पेशेवर अपराधी नहीं है.
      और फिर आज की सुबह उस व्यक्ति के लिए तब भारी पड़ गया जब श्री सिन्हा ने उससे कहा कि तुम्हारे बारे में पुलिस को सब पता चल गया है, हजारीबाग के डुमरीबाग से बिरेन्द्र उरांव बोल रहे हो न, अभी पुलिस तुम्हारे यहाँ रेड मारेगी. इतना कहना था कि पहचान खुलते ही सामने वाला गिडगिडाने लगा और माफ़ी मांगते हुए कहने लगा कि हमसे गलती हो गई, ऐसा मत कीजिये, नहीं तो हम बर्बाद हो जायेंगे.
      पता चला कि हजारीबाग के लॉज में रहने वाले कुछ किशोरावस्था के लड़कों ने ही बस यूं ही आजमाना शुरू किया था. जाहिर सी बात है, यहीं से अपराधी बनने की शुरुआत होती है. पर यहाँ तो उल्टा ही पड़ा और न्यायालयकर्मी राजेश सिन्हा की हिम्मत से अपराध की दुनियां में कदम रख रहे बिरेन्द्र उरांव की हिम्मत जवाब दे गई.
पहले रंगदारी फिर गिडगिडाते मांगी माफी पहले रंगदारी फिर गिडगिडाते मांगी माफी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 07, 2013 Rating: 5

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