|ए.सं.|07 अगस्त 2013|
जिला परिषद् की सामान्य बैठक आज बहिष्कार की भेंट चढ
गई. बता दें कि इस अहम बैठक में पंचायती राज से जुड़े सभी विभाग के जिला स्तरीय
पदाधिकारी और जुड़े जनप्रतिनिधि भाग लेते हैं और पंचायती राज से जुड़े महत्वपूर्ण
मसलों पर चर्चा होती है. पर इन दिनों पदाधिकारियों की उदासीनता इसमें देखी जा रही
है.
जिला
मुख्यालय स्थित झल्लू बाबू स्मृति भवन के सभागार में निर्धारित इस बैठक से सिविल
सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, अधिकाँश बीडीओ, सभी सीडीपीओ व अन्य बहुत से
पदाधिकारी गायब थे. बस इसी आक्रोश में जिला परिषद् के अध्यक्ष समेत अन्य पड़ें
सदस्य तथा सभी प्रखंड प्रमुखों ने इस बैठक का बहिष्कार कर दिया.
बहिष्कार
कर रहे जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि इस बैठक के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती
है. बैठक में लिए गए निर्णय पर कोई कार्यवाही अधिकारियों के द्वारा नहीं की जाती
है.
ग्वालपाड़ा
प्रमुख चंद्रशेखर प्रसाद ने एक और मुद्दा उठाते हुए कहा कि जिला परिषद् से जुड़े
सभी विभाग के अधिकारियों को आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति जिला परिषद् के अध्यक्ष के
अनुमोदन के पश्चात कार्यपालक पदाधिकारी (डीडीसी) द्वारा तथा इसी तरह प्रखंड में
प्रखंड प्रमुख के अनुमोदन से ही कार्यपालक पदाधिकारी (बीडीओ) द्वारा किया जाना है.
पर जिले में अधिकारियों द्वारा इस नियम की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है. प्रमुख
चंद्रशेखर प्रसाद ने पूर्व की बैठक में भी इस समस्या को उठाकर पंचायती राज को
ध्वस्त होने से बचाने की अपील की है.
इस
बहिष्कार को देखते हुए ऐसा ही लगता है कि जिले में भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारी
जनप्रतिनिधियों को कोई तरजीह नहीं दे रहे हैं और सभी नियमों को टाक पर रखने पर
आमादा हैं.
पदाधिकारी गायब: जिला परिषद् की बैठक का हुआ बहिष्कार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 07, 2013
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