बाढ़ से फुलौत की करीब 2000 की आबादी प्रभावित: प्रशासन सुस्त

  |आरिफ आलम|27 अगस्त 2013|
बिहार विकास कर रहा है, अखबारों में कुछ ऐसा ही लिखा रहता है. कुछ लोगों का मानना है कि कई बिकाऊ मीडिया साल में करोड़ों का विज्ञापन नीतीश सरकार से खाती है और विकास को बढ़ा-चढ़ा कर लिखती है. मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज अनुमंडल के फुलौत के लोगों की हालत यदि आप देख लें तो जरूर कहेंगे कि बिहार को विकसित होने में अभी कई दशक बाकी हैं.
      बाढ़ इस इलाके के लोगों की नियति बन चुकी है. हर साल आने वाली बाढ़ से इस इलाके की फसल बर्बाद हो जाती है और लोग दाने-दाने को मुहताज हो जाते हैं. इलाके के मोरसंडा, चंदा, पैना, चिरौरी, अजगैबा आदि के करीब दो सौ घर कोशी नदी के उफान से बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं. करीब दो हजार की आबादी को राहत के नाम पर प्रशासन की ओर से अबतक कुछ नहीं मिला. सरकारी बोट न चलने की स्थिति में जमीन पर धूल फांक रही है और लोग खुद की नाव जुगार कर कम चला रहे हैं. इन्हें इनकी बदकिस्मती मानकर सरकार के लोग कई वर्षों से सोये हुए है.
      जाहिर सी बात है, जान बचाने और पेट की आग बुझाने कि जुगत में लगे रहने वाले इन लोगों का अविकसित और अशिक्षित रहना ही राजनेताओं के हित में हैं. इलाके में हाल में जवान और बच्चियों की मौत भी डूबने से हुई है. आपदा विभाग भी मुआवजे की घोषणा कर अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेती है. बात साफ है, जबतक सरकार और प्रशासन की नीयत साफ़ नहीं होगी, फुलौत व आसपास के इलाके के लोग इसी तरह जानवर की जिंदगी जीने को विवश रहेंगे.
बाढ़ से फुलौत की करीब 2000 की आबादी प्रभावित: प्रशासन सुस्त बाढ़ से फुलौत की करीब 2000 की आबादी प्रभावित: प्रशासन सुस्त Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 27, 2013 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.