|नि० प्र०|11 अगस्त 2013|
मधेपुरा जिला मुख्यालय की सुरक्षा में अहम कमांडो
दस्ते की रफ़्तार में अचानक कमी आ जाने से शहर की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं.
मालूम हो कि जिला मुख्यालय में प्रतिनियुक्त कमांडो दस्ता इससे पूर्व मोटरसायकिल
से पूरे शहर में घूम-घूम कर आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखता था. इन जवानों को
देखकर अपराधी भी दहशत में रहते थे और शहर बहुत हद तक सुरक्षित था. दुर्घटना आदि के
भी कई मामलों में इन्हें खबर होने पर ये त्वरित गति से घटनास्थल पर पहुँच कर घायलों
तक को अस्पताल पहुंचा देते थे. अप्रैल माह में एक चोरी गई मोटरसायकिल को भी इन
कमांडों ने कुछ ही घंटे में बरामद कर लिया था.
पर
पुलिस प्रशासन द्वारा इन्हें मुहैया कराए मोटरसायकिल अब किसी कारणवश इनसे वापस ले
लिए गये हैं. नतीजतन अब यह कमांडो दस्ता पैदल ही घूमता रहता है. ऐसी परिस्थिति में
किसी प्रकार की अप्रिय वारदात होने पर इन्हें एक इलाके से दूसरे इलाके तक पहुँचने
में अच्छा-ख़ासा वक्त लग सकता है और अपराध नियंत्रण के लिए इनसे अधिक अपेक्षा रखना मुनासिब
नहीं होगा.
पुलिस
प्रशासन द्वारा पूरे शहर की असरदार गश्ती के लिए यदि इन्हें सवारी उपलब्ध नहीं
कराया गया तो शहर की बेहतर सुरक्षा प्रभावित होने की आशंका तो बनती ही है.
कमांडो दस्ता हुआ पैदल, शहर की सुरक्षा पर सवाल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 11, 2013
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