सदर अस्पताल: ग़रीबों को एम्बुलेंस मिलने में होती है देरी

|राजीव रंजन|05 जून 2013|
जिले के मुरलीगंज वार्ड नं.7 का सुभाष चौहान (उम्र 49) जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है. एक महीने पहले तबियत खराब हुई और मियादी बुखार ने जब सुभाष को अपनी चपेट में लिया तो पहले तो मुरलीगंज पीएचसी में सुभाष का इलाज चला. पर स्थिति बिगड़ गई तो मधेपुरा सदर अस्पताल में सुभाष को भर्ती कराया गया. पेट की कोई नली जाम होने की वजह से सुभाष को खाना हजम नहीं होने लगा और आखिरकार गंभीर स्थिति को देखकर सदर अस्पताल मधेपुरा के चिकित्सकों ने सुभाष को पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान इलाज के लिए रेफर तो कर दिया पर गरीब सुभाष चौहान एम्बुलेंस के लिए सदर अस्पताल में घंटों तड़पता रहा. साथ आये परिजन आरोप लगाते कहते हैं कि गरीब हैं इसलिए अस्पताल के लोग जल्दी सुनते नहीं है जबकि यहाँ पैसे वालों का काम मिनटों में हो जाता है.
      जो भी हो, मियादी बुखार और पेट की नली जाम होने की स्थिति में सुभाष को पटना रेफर करना ये दर्शाता है कि जिले में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था का अभी भी अभाव है.
सदर अस्पताल: ग़रीबों को एम्बुलेंस मिलने में होती है देरी सदर अस्पताल: ग़रीबों को एम्बुलेंस मिलने में होती है देरी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 05, 2013 Rating: 5

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