|आर.एन.यादव| 09 मई 2013|
आगामी 30-31 मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सेवा
यात्रा के दौरान संभावित मधेपुरा आगमन को लेकर जहाँ जिले के वरीय अधिकारी तैयारी
में जुट गए हैं वहीं जिले के मंत्री एवं विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में
सड़क-पुल-पुलिया एवं विद्यालय भवनों के शिलान्यास में जुटे नजर आ रहे हैं. आमलोगों
में चर्चा का बाजार गर्म है कि आखिर माननीय जिस गाँव कभी नहीं गए आखिर क्यों वहां
भी जाकर शिलान्यास कर लोगों से मिलकर सहानिभूति जता रहे हैं.
बता दें
कि मुख्यमंत्री जी अपने सेवा यात्रा के दौरान मधेपुरा में उदाकिशुनगंज अनुमंडल के
सबसे पिछड़े इलाकों में पहली बार जाकर विकास योजनाओं की समीक्षा करेंगे और लोगों के
दुःख-दर्द को भी जानने का प्रयास करेंगे. इस खबर से जिले के वरीय अधिकारी से लेकर
प्रखंड स्तर तक के उन अधिकारियों और कर्मियों में हडकंप मचा हुआ है जो हमेशा विकास
योजनाओं के लिए भेजी राशि के लूट-खसोट में मशगूल रहे हैं. उन्हें डर है कि सुशासन
के मुखिया के पास कहीं जनता उनके कुकर्मों का लेखा-जोखा न प्रस्तुत कर दें. इन
दिनों जिले के तमाम विभाग के वरीय अधिकारी अलग-अलग शिविर लगा कर जनता की समस्याओं
को सुनकर उन्हें समाधान का आश्वासन दे रहे हैं. लोगों का तो ये भी कहना है जैसे ही
मुख्यमंत्री जी यहाँ से वापस होंगे फिर वही बात रे वही बात....
हैरत की
बात तो यह है कि जिले के तमाम सत्ताधारी दल के विधायक व मंत्री चुनाव के बाद जिस
गांव नहीं गए थे आज खासकर वहीं जा-जाकर सड़क, पुल, पुलिया, स्कूल भवन आदि का
ताबड़तोड़ शिलान्यास करते देखे जा रहे हैं ताकि हुजूर के पास इनकी नाकामी की भी पोल
जनता न खोल दे. ये माननीय जहाँ भी जाते हैं अपने संबोधन से लोगों रिझाने और उनकी
समस्या को दूर करने का विश्वास दिलाते हैं. कभी-कभी तो मोबाइल से झूठा ही सही,
किसी-किसी अधिकारी को डांट पिलाते नजर आ रहे हैं. लेकिन ये तो पब्लिक है, सब जानती
है...
हुजूर के आने की धमक: मंत्री-विधायक जुटे शिलान्यास में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 09, 2013
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