“राम नाम की लूट है,
लूट सको तो
लूट,
अंत काल
पछतायेगा,
जब प्राण जायेंगे छूट.”
भ्रष्टाचार के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में
स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में सबसे अधिक भ्रष्टाचार है. मधेपुरा जिले के स्वास्थ्य
विभाग में भी कई जगह लूट चल रहे हैं और वो भी शर्मोहया त्याग कर. स्वास्थ्य विभाग
में छोटे कर्मचारी तो रोगियों से दस-बीस-पचास रूपये भी ऐंठ रहे हैं पर बहुत से
चिकित्सक जिनमें ज्यादातर कॉन्ट्रेक्ट वाले हैं ने तो जिले में हद ही कर दी है. कई
लोगों का मानना है कि चूंकि वे जानते हैं कि मामला जब फंसेगा तो ऊपर के मुंह बाए
पदाधिकारियों के मुंह को नोटों की गड्डियों से भर दो, बस..कोई कुछ नहीं बिगाड़
सकेगा. ‘सैंयां भये कोतवाल, अब
डर काहे का’.
जिले
में विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में मुफ्त होने वाले परिवार नियोजन में भी
डाक्टरों की करतूत सामने आ रही है. वे प्रति मरीज एक-एक हजार रूपये तक वसूल कर ले
रहे हैं. मरीज यदि ये जानकारी लेना चाहते हैं कि मुफ्त ऑपरेशन में पैसे किस बात के
तो डॉक्टर उन्हें ये कहकर भी डरा देते हैं कि पेट में पत्थर है, निकलवा लो नहीं तो
मर जाओगे. ये चालाक किस्म के चिकित्सक जानते हैं कि उनके यहाँ आने वाले मरीज गरीब
और अनपढ़ किस्म के होते हैं और इन्हें कोई भी सूट-बूट वाला अधिकारी आसानी से ठग
सकता है. अस्पताल के सभी कर्मचारी को ये पता है कि यदि कोई महिला संपन्न घर की है
तो वह प्राइवेट नर्सिंग होम में जायेगी.
हम आपको
दिखा रहे हैं डॉक्टरों और अस्पताल में कर्मचारियों के लूट का एक वीडियो जिसमें आप
देखेंगे कैसे ग़रीबों की खून-पसीने की कमाई को चूस लेते हैं स्वास्थ्यकर्मी. देखकर
शायद आप भी कहेंगे कि ऐसे डॉक्टरों को उल्टा लटका देना चाहिए. वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें.
ऐसे डॉक्टरों को उल्टा लटका देना चाहिए ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 25, 2013
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