दीपावली की रात ने किया नीलम के घर को अँधेरा: प्रशासन संवेदनशून्य

राकेश सिंह/17/11/2012
आलमनगर के नरथुआ की नीलम देवी के सारे सपने अब स्वाहा हो चुके हैं. पति का साथ करीब तीन साल पहले छूटा और रहने को घर नहीं था तो नीलम की माँ ने कुछ पैसे जुगाड़ कर नीलम का घर बनवा दिया. चार छोटे-छोटे बच्चों के पिता और नीलम का पति मनोज मानसिक संतुलन बिगड़ने के बाद गायब हो गया. बच्चों को खिलाना दूभर हुआ तो मजदूरी कर नीलम किसी तरह गुजर बसर करने लगी.
            पर दीपावली की यह रात नीलम के लिए काली रात साबित हुई. किसी के पटाखे से घर में आग लगी तो आँखों के सामने ही सब कुछ स्वाहा हो गया. बच्चे सुलेखा, सोनम, विकास और मुकेश की जान तो किसी तरह नीलम ने बचा ली पर बाक़ी कुछ भी न बच सका. यहाँ तक कि जिंदगी के सारे सपने भी इसी आग में ख़ाक हो गए. संवेदनशून्यता की हद तो तब हो गयी जब प्रशासन का कोई आदमी घटना के तीन दिन बाद भी इस बेबस और लाचार को देखने नहीं पहुंचा. पर मानवता दिखाई पड़ोसियों ने और बच्चों को किसी तरह निवाला मिल रहा है.
            मधेपुरा टाइम्स टीम जब नरथुआ नीलम के स्वाहा घर पहुंची तो नीलम के आंसू थम नहीं पा रहे थे. टीम की ओर से नीलम को तत्काल आर्थिक सहायता तो दी गयी पर सवाल ये है कि क्या बिना किसी बड़ी सहायता के नीलम और बच्चों की जिंदगी वापस पटरी पर आ सकेगी ? क्या नीलम के घर का सपना फिर से पूरा हो सकेगा ? मधेपुरा की संवेदनहीन प्रशासन से हम कोई उम्मीद नहीं कर रहे हैं. हम नीलम, उसके घर और बच्चों की स्थिति वीडियो के माध्यम से आप तक पहुंचा रहे हैं. यदि आपके मन में इस बिखरे परिवार को मदद करने की भावना जगे तो आप सीधे नरथुआ जाकर नीलम की मदद कर सकते हैं या फिर हमारे द्वारा भी आप नीलम तक सहायता पहुंचा सकते हैं. (हमारे द्वारा सहायता पहुँचाने के लिए कॉल करें: 9472600988).
दीपावली की रात ने किया नीलम के घर को अँधेरा: प्रशासन संवेदनशून्य दीपावली की रात ने किया नीलम के घर को अँधेरा: प्रशासन संवेदनशून्य Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 17, 2012 Rating: 5

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