नि०सं०/12/10/2012
नीतीश सरकार की बर्बरता एवं विफलता के खिलाफ डा०
लोहिया की पुन्य तिथि के अवसर पर आज यहाँ विपक्षी पार्टी राजद, भाकपा, माकपा,
लोजपा, कॉंग्रेस एवं समता पार्टी के तत्वाधान में आक्रोशित लोगों ने मधेपुरा
समाहरणालय पर विस्घाल एवं रोषपूर्ण धरना दिया.
धरना
को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य वक्ता मधेपुरा के राजद विधायक प्रो० चंद्रशेखर ने
कहा कि शोषितों-पीडितों द्वारा मुख्यमंत्री की सभा में लगातार हो रहे विरोध से सुशासन
सरकार की पोल खुल गयी है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने गिरते साख से बौखलाकर
आपातकाल की तरह नियोजित शिक्षकों पर दमनात्मक कार्यवाही कर रही है. व्याप्त
भ्रष्टाचार, अफसरशाह, विद्युत व कृषि संकट, गरीबी और बेकारी से त्रस्त आम लोगों का
जीना दुर्लभ हो गया है. सरकार इनके हालत एवं आक्रोश को समझे, इसे लाठी और गोली के
बल पर नहीं दबाया जा सकता है. विधायक प्रो० चंद्रशेखर ने कहा कि नियोजित कर्मियों
को सरकारी सेवक की तरह सुविधा एवं बिहार के खेतों और किसानों को पंजाब की तरह
सुविधा नहीं दे गयी तो भीषण संग्राम होगा.
राजद
के जिलाध्यक्ष प्रो० अरविन्द कुमार ने कहा कि आंदोलनकारियों पर बर्बरतापूर्ण
कार्यवाही नीतीश सरकार की निरंकुशता का प्रतीक है. विज्ञापन की यह सरकार सभी
मोर्चे पर विफल साबित हुई है. उन्होंने कहा कि शोषण-दमन के खिलाफ हमारी पार्टी हर
स्तर पर संघर्ष करेगी और अगर हमारी सरकार बनी तो नियोजित शिक्षक शीघ्र ही नियमित
होंगे.
भाकपा
के जिला मंत्री प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि नीतीश सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों का
दमन एवं गरीबों के साथ छलावा हमारी पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी. सरकार सामान काम
के लिए समान वेतन दे, झूठे मुक़दमे वापस ले एवं नरसंहार के आरोपी अपने गुंडों पर
लगाम दे, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और गरीबी
आज देश की सबसे बड़ी समस्या है. इसके खिलाफ हर स्तर पर हमारे लड़ाई जारी रहेगी और
भ्रष्टाचारियों एवं देशद्रोहियों से हमारी पार्टी का कोई राजनीतिक सम्बन्ध नहीं हो
सकता. भ्रष्टाचार से निजात पाए बिना देश को नहीं बचाया जा सकता.
धरना
को माकपा जिला मंत्री गणेश मानव, कांगेस के जिलाध्यक्ष सत्येन्द्र कुमार सिंह तथा
लोजपा के जिलाध्यक्ष पवन यादव ने भी संबोधित करते हुए कहा कि इस निकम्मी एवं
निरंकुश सरकार की असलियत लोगों के सामने खुल चुकी है. धरना को विपक्ष के दर्जनों
नेताओं ने संबोधित किया और वर्तमान नीतीश सरकार के खिलाफ वे जम कर बरसे.
नेताओं
ने मधेपुरा में 22 घंटे बिजली मुहैया करने, मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेज में सत्र
प्रारंभ करने, सभी बाढ़ पीड़ितों को पुनर्वास देने, किसानों को मुआवजा देने आदि की
भी मांग की. अंत में सात सूत्री मांगों का स्मार पत्र जिला पदाधिकारी को सौंपा
गया.
धरना
की अध्यक्षता राजद के जिलाध्यक्ष प्रो० अरविन्द कुमार एवं सञ्चालन भाकपा के जिला
मंत्री प्रमोद प्रभाकर ने की. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए राजद के प्रदेश महासचिव जगदीश
प्रसाद यादव ने आह्वान किया कि नीतीश सर्कार की क्रूर शासन को उखाड़ फेंके.
नीतीश सरकार की बर्बरता के खिलाफ विपक्षी का विशाल धरना
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 12, 2012
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