नि० सं०/12/10/2012
महिला कॉलेज के एक लेक्चरर के द्वारा दूसरी शादी कर
लेने और और पहली पत्नी और जवान बेटी को प्रताड़ित करने के एक मामले में स्थानीय
न्यायालय ने लेक्चरर के खिलाफ फैसला देते हुए उसे पहली पत्नी को 5 हजार रूपये
प्रति माह भुगतान करने का आदेश दे दिया है.
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मीना सिन्हा और बेटी कोमल: मिला न्याय |
मधेपुरा
जिले के पहले घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत दर्ज कराये गए इस मामले में प्रथम श्रेणी
न्यायिक दंडाधिकारी श्री अविनाश शर्मा ने दो महीने से कम में ही इस मामले में
फैसला सुना दिया. न्यायालय ने पीड़िता मीना सिन्हा के गुजारा भत्ता के लिए उसके पति
सुनील कुमार यादव उर्फ सुनील कुमार सुमन को अपनी पहली पत्नी को 5 हजार रूपये महीना
देने के अलावे उसे प्रताड़ित न करने की हिदायत भी दी. न्यायालय के आदेश के अनुसार
अब पहली पत्नी को पति के घर में रहने से भी मना नहीं किया जा सकता है. पर न्यायालय
ने पहली पत्नी को भी अच्छे आचरण के साथ रहने की सलाह दी है.
दरअसल
ये मामला साहुगढ़ की मीना सिन्हा ने अपने पति के खिलाफ महिला हेल्पलाइन में दर्ज
करवाया था. आवेदन में कहा गया था कि उसके पति ने दूसरी शादी अभिलाषा कुमारी से कर
ली है और अब उसे और उसकी सोलह वर्षीया बेटी कोमल को प्रताड़ित करते हैं. मामला
महिला हेल्पलाइन ने न्यायालय में घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत दर्ज करवाया था.(पढ़ें:
लेक्चरर ने पहली
पत्नी और बेटी को छोड़ रचाई दूसरी शादी)
न्यायालय
ने अपने फैसले में पति-पत्नी के सम्बन्ध की नजाकत की बात लिखते हुए कहा कि इस मामले
में कोई कड़ा आदेश पारित करना ‘Bull
in the China Shop’ साबित होगा.
पीड़िता
के पक्ष से महिला हेल्पलाइन की प्रोटेक्शन ऑफिसर पायल प्रकाश और पैनल अधिवक्ता
किरण कुमारी मामले को देख रही थी जबकि आरोपी पति की पैरवी अधिवक्ता शशिधर सिंह कर
रहे थे.
दूसरी शादी करने वाले लेक्चरर के खिलाफ न्यायालय का फैसला
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 12, 2012
Rating:

kisi Hindu ka bina pehli patni ko talak diye dusri shadi karna illegal hai..
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