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नहर बना जंगल |
रूद्र ना० यादव/08 अगस्त 2012
मधेपुरा जिले में धान रोपाई हेतु पानी के लिए
किसानों के बीच हाहाकार मचा हुआ है.इस बार सरकार और भगवान दोनों ने किसानों से
मुंह मोड़ लिया है.जिले के नहरों की सफाई के नाम पर करोड़ों रूपये की निकासी तो कर
ली गयी लेकिन सफाई का कार्य नहीं किया गया.नहर का अस्तित्व ही समाप्त होने के कगार
पर पहुँच गया है और नहर जंगल में तब्दील हो चूका है.इसकी सुधि लेने वाला कोई बहीं
है.सरकारी फाइलों में तो नहर की सफाई और नहर में पानी छोड़े जाने की बात जरूर दर्ज
है लेकिन नहर की स्थिति देखकर आप भी अनुमान लगा सकते हैं कि हकीकत क्या है? पानी
के अभाव में धान की रोपाई प्रभावित हो रही है और जो किसान पम्प सेट से धान की फसल
को लगाए हैं अब पानी के अभाव में वे भी सूखने लगे हैं.सरकार द्वारा डीजल अनुदान
देने की घोषणा तो जरूर हुई है लेकिन कब तक मिलेगा ये बताना मुश्किल है.वैसे भी
डीजल अनुदान की राशि का किसान के नाम पर बंदरबांट कर अधिकारी और जनप्रतिनिधियों
द्वारा डकारे जाने की बात भी पुरानी है.शायद अधिकारी और जनप्रतिनिधि इसी इन्तजार
में हैं कि सरकार द्वारा जल्दी ही ये राशि मिल जाए.फिर वही होगा जो होता आ रहा है.
कुल मिलाकर
किसानों में हताशा व्याप्त है.किसान बदहाली की ओर अग्रसर है,सरकार और जिला प्रशासन
के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं और भगवान तो भगवान ही है.
नहर बना जंगल, पानी के लिए हाहाकार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 09, 2012
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जबतक मधेपुरा की जनता जागरूक नहीं होगी और इस तरह के गंदे,घटिया और स्वार्थी नेता को वोट देना बंद नहीं करेगी तब तक ये सब होना आम बात होगी.इसमें गलती नेता लोग का नहीं बल्कि यहाँ की जनता का है जो पैसो पर बिक कर उसको वोट देता है.
ReplyDeletenahar banate samay engineer, politician sab paisa banaya hoga..bad mein maintenance ke nam pe khaya hoga..jaroorat ke samay pe kam nahi kar raha hai ..Bihar ka baklol irrigation minister kaun hai?
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