रूद्र ना० यादव/08 अगस्त 2012
मधेपुरा का लाइफलाइन माना जाने वाला एनएच 107 पर
अवस्थित बलुआहा घाट एवं मुरलीगंज का बेंगा पुल कुसहा त्रासदी 2008 में ध्वस्त हो
गया था, वहाँ पर आज चार वर्ष गुजरने चला है, लेकिन पुल निर्माण का कार्य पूर्ण
नहीं हो सका.अगर बलुआहा नदी उफनाई तो एक बार फिर मधेपुरा जिला मुख्यालय से जिले के
मुरलीगंज एवं कुमारखंड प्रखंड का संपर्क भंग हो जाएगा.और लोगों को भारी परेशानी का
सामना करना पड़ेगा.
त्रासदी
के बाद सरकार ने जितने तामझाम से शीघ्र पुल निर्माण करने की बात कही थी निर्माण
उतनी ही धीमी गति से होती दीख रही है.पुल निर्माण कार्य शुरू होने के बाद सरकार व
जिला प्रशासन के अधिकारी सुधि लेने तक नहीं पहुंचे और काम को ठेकेदार के भरोसे छोड़
दिए गए, जिसके चलते आज तक पुल निर्माण का कार्य कच्छप गति से चल रहा है.कार्य करा
रहे इंजीनियर की मानें तो निर्माण कार्य अक्टूबर में पूरे हो जायेंगे लेकिन हकीकत
यही है कि छ: माह से अधिक इस पुल के निर्माण कार्य में और लग सकते हैं.
पुल निर्माण कार्य की गति धीमी,बंद हो सकते हैं आवागमन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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August 08, 2012
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