मंडल विश्वविद्यालय की अर्थशास्त्र की महिला
व्याख्याता श्रीमती प्रज्ञा प्रसाद ने विश्वविद्यालय परिसर के एक कर्मचारी द्वारा
महादलित बच्चे से बाल मजदूरी कराने और उसके उसे शोषण से मुक्त कराने की मांग
मधेपुरा के डीएम और एसपी से की है.जिलाधिकारी मधेपुरा, आरक्षी अधीक्षक मधेपुरा,
डीआईजी मधेपुरा, कमिश्नर सहरसा, चाइल्ड हेल्पलाइन सहरसा तथा सहरसा और मधेपुरा के
बाल कल्याण समिति को लिखे पत्र में प्रज्ञा प्रसाद ने लिखा है कि अलौली, खगड़िया के
बच्चे विनोद सदा को विश्वविद्यालय कर्मचारी पृथ्वीराज यदुवंशी के शोषण से बचाने के
लिए विधि सम्मत कार्यवाही की जाय.
आवेदन में उन्होंने कहा कि जब उन्होंने उक्त बच्चे को मुक्त कराने के लिए
जब बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग, पटना में केस संख्यां.30 दिनांक 31.07.2012 तथा
केस संख्यां.08
दिनांक 01.08.2012 दर्ज कराया तो कर्मचारी पृथ्वीराज यदुवंशी ने
बाल (श्रमिक बंधक) अधिनियम 1933, बंधुआ मजदूरी प्रथा (उन्मूलन) अधिनियम 1976 तथा
बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के प्रावधानों की अंतर्गत दण्डित
होने से बचाव हेतु उक्त बंधक बाल श्रमिक द्वारा ही मुझ पर एससी/एसटी थाना में झूठा
एवं मनगढंत मुकदमा करवा दिया.

प्रज्ञा
प्रसाद ने बताया कि जिलाधिकारी ने श्रम अधीक्षक, सहरसा तथा आरक्षी अधीक्षक,
मधेपुरा को इस मामले में उचित कार्यवाही करने का निर्देश दे दिया है.अब देखना है
कि मामला आगे कहाँ तक पहुँचता है और दोषी को सजा मिल पाती है या नहीं या फिर मंडल
विश्वविद्यालय राजनीति का ही अखाड़ा बना हुआ रह जाता है.
वि०वि० परिसर से महादलित बच्चे को शोषण से मुक्त कराने की मांग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 08, 2012
Rating:
No comments: