दीपक तले अँधेरा ! सेन्ट्रल सेक्टर से ६२ मेगावाट
बिजली बिहार को आज से मिलने लगी है.लेकिन क्या ६२ में से तीन-चार मेगावाट बिजली
मधेपुरा के हिस्से में आयेगी,इस बात पर संदेह ही है.एनडीए के संयोजक और जदयू के
राष्ट्रीय अध्यक्ष मधेपुरा से सांसद हैं,फिर भी रेल की भांति बिजली के मामले में
भी मधेपुरा उपेक्षित है.जिलेवार यदि दो मेगावाट भी बांटा जाय तो भी मधेपुरा के
हिस्से में लगभग दो मेगावाट बिजली तो आती ही है.लेकिन ऐसा हो पायेगा,इसमें संदेह
है.क्योंकि कुछ ट्रेनों को जनता की लाख धरना-प्रदर्शन के बावजूद मधेपुरा तक
विस्तारित नहीं किया जा सका है.यदि राजनैतिक दृष्टिकोण से देखा जाय तो माननीय सांसद
राजनीति के दीपक हैं.कहीं ऐसा तो नहीं, इसलिए मधेपुरा की जनता को अंधेरों से जूझना
पड़ रहा है.शरद पवार का संसदीय क्षेत्र बारामती जैसी सुविधा की तो यहाँ की जनता
अपेक्षा नहीं करती, लेकिन पप्पू सिंह के संसदीय क्षेत्र पूर्णियां जैसी सुविधा
मधेपुरा की जनता जरूर चाहती है.
क्या मधेपुरा को अधिक बिजली मिल पायेगी?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 04, 2012
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