ठंढ बढ़ी,स्कूल बंद पर इन गरीब बच्चों पर ध्यान नहीं

 रूद्र ना० यादव/१९ दिसंबर २०११
ठंढ ने जिले को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया है.पारा जहाँ लुढक कर १० डिग्री सेल्सियस तक जा पहुँचता है,वहीं लोगों ने भी इसके खतरे की भांपते हुए पूरी तैयारी कर ली है.प्रशासन भी अपनी तरफ से अलाव आदि की व्यवस्था कर रखी है ताकि ठंढ से जिले में एक भी मौत होनी दर्ज नहीं कराई जा सके.बिहार सरकार ने बढ़ते ठंढ को देखते हुए बच्चों के स्कूलों को बंद करने का आदेश दे दिया है.ये अलग बात है कि मधेपुरा में कुछ कौन्वेंट्स अपने को सरकार से ऊपर मानते हैं और इन्होने स्कूलों को खोल रखा
डीपीओ
है.इनका मानना है कि बच्चे पूरे कपड़े में आते हैं और ज्यादातर समृद्ध परिवार से हैं.खैर,इनका अपना क़ानून है.
   पर इन सबके बीच जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पहुँचने वाले बच्चों की ओर सरकार का ध्यान न जाना दुखद है.इस कड़ाके की ठंढ में आंगनबाड़ी केन्द्र खुले हैं और इनमे आने वाले ग़रीबों के बच्चे जान जोखिम में डाल कर यहाँ अपनी उपस्थिति दर्ज कराते ही हैं.सवाल उठता है कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे और इन आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों में इतना
सेविका अर्चना
फर्क क्यों किया जा रहा है?इस बाबत सरकार का कोई निर्णय अभी तक जिले को प्राप्त नही हुआ है.पंचमुखी चौक के पास के आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका अर्चना कुमारी कहती हैं कि ठंढ बढ़ने से बच्चों को आने में परेशानी तो जरूर है,पर सरकार का आदेश जब तक हमें नहीं मिलता है,केन्द्र को खुला तो हर हाल में रखना है.जिला प्रोग्राम पदाधिकारी गुलाम मुस्तफा अंसारी कहते हैं कि ठंढ की वजह से सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को तो बंद कर दिया गया है पर आईसीडीएस का इस सम्बन्ध में उन्हें कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है.
   ऐसे में जिस तरह से ठंढ बढ़ती जा रही है और इन गरीब बच्चों को केन्द्रों पर आना पड़ रहा है ऐसे में यदि ये बच्चे ठंढ का शिकार होते हैं तो निश्चय ही ये सरकार कि गलत नीतिओं का नतीजा ही होगा.
ठंढ बढ़ी,स्कूल बंद पर इन गरीब बच्चों पर ध्यान नहीं ठंढ बढ़ी,स्कूल बंद पर इन गरीब बच्चों पर ध्यान नहीं Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 19, 2011 Rating: 5

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