
तब याद करना।
जब दिल मेँ हो कोई बात,
तब याद करना।
दुआ करते हैँ, तुम खुश रहो,
आँखो मेँ आंसू आए,
तब याद करना।
जो चाहोँ वो मिल जाए,
दिल की हसरत कबूल हो जाए,

हर रास्ते मेँ फूल बिछे हों,
अगर काँटा कोई मिल जाए,
तब याद करना।
क्या कहूँ तुमसे,तुम सब जानते हो,
प्यार करते हैँ तुमसे,
ये भी मानते हो,
दूर रहते हो,मुझसे फिर भी तुम,
जब नज़रे सभी चुराये,
तब याद करना।
हर वक्त याद करते हैँ तुम्हें,
हर वक्त दिल मेँ रखते हैं तुम्हें,
पर तुम ये समझोगे कहाँ,
जब कभी समझ आए,
तब याद करना।
--प्रतीक प्रीतम, मधेपुरा
“तब याद करना”
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 27, 2011
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