दशमी की भीड़ ने आज मधेपुरा की भीड़ के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.सड़कों पर भीड़ इतनी कि बहुत से लोगों को आज ये कहते हुए सुना गया कि कहाँ से इतने लोग आ गए.शाम को स्टेशन के पास मैदान में रावण दहन के वक्त तो ऐसा लगा कि जिले के सभी गाँव के सारे लोग मधेपुरा में ही हैं.और यही आलम आज मधेपुरा की मुख्य सड़क पर भी रहा.लोगों की खचाखच भीड़ में पुलिस खोई नजर आई.और फिर सड़कों पर असामाजिक तत्वों ने अपना रंग दिखाना शुरू किया.आज की भीड़ में महिलायें बिलकुल महफूज नहीं दिखीं.मनचले बहुत सी महिलाओं को धक्के मारते नजर आये.बेशर्मी की हद तो तब पार दिखी जब प्रतिरोध कर रही कुछ महिलाओं पर दर्जनों की झुण्ड बनाये इन बेशर्मों ने गंदी फब्तियाँ कसी.नैतिकता को शर्मशार करने वाली कई घटनाएँ आज मेले में नजर आई.एक महिला के पति ने जब कुछ लड़कों को ठीक से चलने कहा तो उसी में से एक ने उस महिला को इतनी जोर से धक्का मारा कि वह गिरते गिरते बची.उसके बाद बाक़ी ने जोर की किलकारी मारी.मैंने जब वहीं कुछ दूरी पर खड़े पुलिस से इस बाबत शिकायत की तो उन्होंने साफ़ मुकरते हुए कहा कि इतनी भीड़ को कंट्रोल नहीं किया जा सकता.यानी कल तक कम भीड़ में हीरो बनी पुलिस आज नपुंसक सी खड़ी भीड़ छंटने का इन्तजार कर रही थी.मेले में आज पॉकेटमारों की भी चांदी रही.कई लोग हतोत्साहित अपने कटे पॉकेट को देखते नजर आये.अब तक कोई बड़ी घटना नहीं घटने के कारण मधेपुरा पुलिस भले ही अपनी पीठ थपथपा ले पर कई छोटी छोटी घटनाओं से तो ऐसा ही लगता है कि बदलते शासन में भले ही ये असामाजिक तत्व ‘हाइबरनेट’ हो जाएँ पर मौका लगते ही ये मधेपुरा की छवि को फिर से गन्दा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
रावण दहा,पर सड़कों पर आज रावण हो रहे विजयी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 06, 2011
Rating:
No comments: