बर्बरता की हद पार कर गया एक जल्लाद शिक्षक

रूद्र ना० यादव/२९ सितम्बर २०११
नाम- मंटू कुमार, उम्र -५ वर्ष, वर्ग-LKG, घर-रामपुर लाही, थाना-शंकरपुर, जिला-मधेपुरा. गुनाह- एक शिक्षक के बगल में जाकर खड़ा हो जाना.सजा- गर्म आयरन से दोनों चूतर जला दिया जाना.

शंकरपुर में इलाज के लिए आया मंटू
   इस शिक्षक दिवस पर एक कॉन्वेंट स्कूल अभिनव ज्ञान निकेतन,त्रिवेणीगंज,सुपौल के एक शिक्षक ने एक ऐसे कुकृत्य को अंजाम दिया जिसे सुनकर किसी जल्लाद की रूह भी काँप उठे.छोटा सा बच्चा मंटू उस स्कूल के हॉस्टल में रह रहा था,जहाँ ये घटना घटी.पिता ने गरीबी में रहकर भी बेटे को अच्छी शिक्षा देने का प्रयास किया था.पर ये शायद किसी को भी मालूम नहीं था कि मंटू के साथ एक दिन ऐसा हादसा होगा कि उसे शिक्षा और शिक्षक दोनों से ही घृणा हो जायेगी.अपने साथ हुए हादसे को फफक-फफक कर बताते हुए मंटू कहता है कि उस रोज कुंदन सर कपड़े पर आयरन कर रहे थे.उत्सुकता वश वह सर के पास देखने चला गया था.सर ने उसे भगाना चाहा पर वह देखना चाहता था.उसे क्या मालूम कि बस इतनी सी बात की उसे ऐसी सजा मिलेगी.सर ने गुस्से में मंटू को पकड़ा और गर्म आयरन उसे चूतर पर रख दिया.इतने भयानक दर्द की तो मंटू ने कल्पना तक नहीं की थी.दर्द के मारे मंटू बेहोश हो गया था.होश आने पर मंटू ने माँ और पिता को याद किया और घर जाना चाहा.पर इस कॉन्वेंट में तो जल्लादों की पूरी टीम ही बैठी थी.न तो मंटू को घर जाने दिया गया और न ही उसके घरवालों को मंटू के जख्मी होने की सूचना ही दी गयी.दर्द से कराहते करीब एक महीने हो गए.घाव भी ऐसी जगह पर कि मंटू बैठने के लायक भी नहीं था.और अंत में बीती रात मंटू शिक्षकों की कैद से भाग निकला.पांच साल का एक छोटा बच्चा किसी तरह घर पहुंचा तो उसकी हालत देखकर घरवालों के आंसू थमने का नाम नही ले रहे.मंटू के पिता ने थाने  में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.पीएचसी शंकरपुर में मंटू का इलाज चल रहा है.स्कूल प्रशासन उस शिक्षक को हटा देने की बात कह कर मामले को इतिश्री मानते हैं.
    बात घूम फिर कर फिर कौन्वेंट्स के चाल ढाल पर आकर ठहर जाती है.पैसे कमाने की होड़ में स्कूल प्रशासन अयोग्य, घटिया और अपराधी चरित्र के शिक्षकों की फ़ौज खड़ी कर लेते हैं.मंटू के साथ हुआ हादसा मामूली नहीं है कि इसे यूं ही छोड़ दिया जाय.सरकार को चुन चुन कर ऐसे कौन्वेंट्स की दुकानों को बंद करवाना चाहिए जहाँ इस तरह के अमानवीय कृत्यों को अंजाम दिया जाता हो.वर्ना आज एक मंटू के मन में शिक्षा और शिक्षकों का खौफ समाया है,कल कितने मंटूओं की बलि चढ़ेगी,कोई नहीं जानता.
बर्बरता की हद पार कर गया एक जल्लाद शिक्षक बर्बरता की हद पार कर गया एक जल्लाद शिक्षक Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 29, 2011 Rating: 5

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