और अंत में वही हुआ जो बहुत ही पहले हो जाना चाहिए था.राज्य सरकार ने राईट टू एजुकेशन एक्ट(आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूलों को भी अपने दायरे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी.निजी स्कूलों के संगठनों ने इसके विरोध में कल स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया है.और सरकार ने भी शिक्षा के नाम पर निजी स्कूलों की मनमानी को सख्ती से खत्म करने का निर्णय ले लिया है.चूंकि पूरे राज्य में करीब २५००० कौन्वेंट्स में से अधिकाँश ने जो लूट मचा रखी है उससे कमोबेश ६० लाख छात्र प्रभावित हो रहे हैं. नियम के तहत सभी कौन्वेंट्स को अब राज्य सरकार के अधीन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.पहले तो सरकार ने रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख ३० सितम्बर ही तय की थी और इसके बाद जिन स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन नही कराया होता उसमे ताले लटका दिए जा सकते थे. पर अब इसकी अंतिम तिथि १२ नवंबर कर दी गयी है तो अब स्कूलों को सोचने का मौका फिर से मिलता हुआ नजर आने लगा है.

क्या लग सकेगी निजी स्कूलों की लूट पर लगाम ?(भाग-१)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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September 29, 2011
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