रूद्र ना० यादव/२६ अगस्त २०११
मधेपुरा जिले के मुरहो गाँव का हेमेन्द्र इन दिनों काफी दुखी है.भ्रष्टाचार से तो वह अरसे से परेशान था.अन्ना ने आवाज उठाई तो उसे लगा कि शायद नया क़ानून बनने से लोगों को भ्रष्टाचार से निजात मिल सकेगा.पर केन्द्र सरकार की घटिया राजनीति से हेमेन्द्र को झटका लगा है.आहत हेमेन्द्र ने कल बीपी मंडल जयन्ती पर अपने गाँव मुरहो में ही एक दिन का अनशन रखा.अनशन रखना तो सामान्य बात थी,पर हेमेन्द्र का अनशन का तरीका कुछ अलग था.हेमेन्द्र बीपी मंडल की समाधि स्थल के पास के ही एक पेड़ के ऊपर चढ कर दिन भर भूखे-प्यासे पेड़ पर रहकर आने शरीर को कष्ट देता रहा.पूछने पर हेमेन्द्र ने आवाज लगाकर कहा कि चारों तरफ भ्रष्टाचार फैला हुआ है,अमीर तो ले-दे के अपना काम करा ही लेते हैं,भ्रष्टाचार ने हम ग़रीबों की
जिंदगी नरक से भी बदतर बना दी है.ऐसे में जो अन्ना हजारे का समर्थन नहीं करता है मानो वो व्यक्ति भी भ्रष्ट है.अगर इस बार नया क़ानून नहीं बना तो अगली बार जब मैं पेड़ पर चढूंगा तो मेरी लाश ही नीचे आयेगी.भ्रष्टाचार के माहौल में तो जीने से अच्छा है मर जाना.
जिंदगी नरक से भी बदतर बना दी है.ऐसे में जो अन्ना हजारे का समर्थन नहीं करता है मानो वो व्यक्ति भी भ्रष्ट है.अगर इस बार नया क़ानून नहीं बना तो अगली बार जब मैं पेड़ पर चढूंगा तो मेरी लाश ही नीचे आयेगी.भ्रष्टाचार के माहौल में तो जीने से अच्छा है मर जाना.
यह अकेले हेमेन्द्र की समस्या नहीं है.जहाँ करोड़ों आम आदमी इस बड़ी समस्या से रोज सामना करते हैं,वहां सरकार की सख्ती यह दर्शा रहा है कि केन्द्र भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जरा भी गंभीर नही है.
एक अनशन ऐसा भी,अन्ना के समर्थन में पेड़ पर चढ़ा रहा युवक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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August 26, 2011
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